हनुमानगढ़ फसल नुकसान का सर्वे : जिले में 09 मार्च 2021 को हुई ओलावृष्टि से नोहर तहसील में रबी फसलों (Rabi Crops) को 80 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। बीमा कंपनी (Agriculture Insurance Company) के प्रतिनिधि के साथ संयुक्त रूप से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद कृषि विभाग ने 26 मार्च को फाइनल रिपोर्ट तैयार कर अब बीमा कंपनी व विभागीय अधिकारियों को सौंप दिया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 09 मार्च को नोहर के आसपास ओलावृष्टि होने के बाद कृषि विभाग (Department of Agriculture) के पास 4972 किसानों (Farmers) ने व्यक्तिगत स्तर पर खराबे की सूचना करवाया है।
इसमें कुल 22 गांवों के किसान शामिल हैं। इसमें ज्यादातर ने चने की फसल को नुकसान पहुंचने की सूचना दी है। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया (AIC OF INDIA LTD.) को कृषि विभाग ने इसकी रिपोर्ट सौंप दी है। अब बीमा कंपनी स्तर पर इन आवेदनों की जांच व समीक्षा करने के बाद क्लेम (Bima claim) का सेटलमेंट किया जाएगा ।
कृषि विभाग के उप निदेशक दानाराम गोदारा ने बताया कि नौ मार्च को नौहर क्षेत्र में ओलावृष्टि के बाद सभी कृषि पर्यवेक्षकों (Agricultural supervisors) को सर्वे करने का निर्देश जारी कर दिया गया था। साथ ही फसल बीमा करवाने वाले किसानों को खराबे की सूचना बीमा कंपनी को देने की सलाह भी दी थी।
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ओलावृष्टि से नोहर क्षेत्र के इतने किसानों को हुए फसल नुकसान का सर्वे
प्रारंभिक आंकलन में कृषि विभाग की टीम ने नौ मार्च 2021 को नोहर के आसपास हुई ओलावृष्टि से कुल 9718 हेक्टेयर में रबी फसलों को नुकसान होने की पुष्टि की थी। इस नुकसान को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करके बीमा कंपनी को भेज दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक नोहर तहसील के दलपतपुरा, भोगराना, पांडूसर, धानसिया, श्योरानी, ललानियां, मेघाना, ललाना उत्तराद्वा, टिडियासर सहित अन्य गांवों में ओलावृष्टि से काफी फसलों को नुकसान हुआ था ।
पिछले वर्ष का बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला
चालू रबी सीजन के साथ ही गत वर्ष रबी सीजन 2019-20 में जिले में हुई ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ था। इसमें जिले के 9676 किसानों ने व्यक्तिगत स्तर पर क्लेम के आवेदन किया था। लेकिन अब तक इन किसानों को क्लेम नहीं मिला है। अब सरकार ने गत वर्ष हुई ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों से संबंधित दस्तावेजों को पूर्ण करके बीमा कंपनी को भिजवाने के लिए जल्द गांवों में कैंप लगाने को लेकर कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया है। अगले सप्ताह से गांवों में कैप लगाकर प्रभावित किसानों के बीमा संबंधी दस्तावेज (Documents) संकलित किए जाएंगे।
फसल बीमा के प्रति बढ़ रहा रुझान
पीएम फसल बीमा योजना लागू होने के बाद जिले में किसानों का रुझान इस योजना के प्रति बढ़ रहा है। करोड़ों का क्लेम किसानों की जेब में आने के कारण काफी संख्या में किसान बीमा करवा रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार ने पीएम फसल बीमा योजना को गत बार से एच्छिक कर दिया है। लेकिन इसके बाद भी बीमा करवाने वाले किसानों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है।
जानकारी स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका
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