MSP पर गेहूं धान दलहन तिलहन और कपास फसलों की खरीद जारी, अब तक इतने किसानों को मिला लाभ

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उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा आज 19 अप्रैल 2021 को जारी आकड़ों के मुताबिक गेहूं की सरकारी खरीद रबी विपणन सत्र आरएमएस 2021-22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली तथा गुजरात राज्यों से की जा रही।

पोर्टल पर प्रदर्शित आकड़ों के मुताबिक 18 अप्रैल 2021 तक MSP मूल्य पर गेहूं की कुल खरीद 121.71 लाख मीट्रिक टन (MT) से भी अधिक की जा चुकी है और जिसकी कुल कीमत तक़रीबन 24037.56 करोड़ रुपये होती है। अब तक इस सरकारी खरीद से अलग-अलग राज्यों से तक़रीबन 11,59,816 किसान को लाभ मिल चुका है ।

धान की खरीद

इसके अलावा मौजूदा समय में खरीफ सीजन 2020-21 के तहत धान की खरीद भी सुचारू रूप से की जा रही है। आकड़ों के मुताबिक 18 अप्रैल 2021 तक 704.35 लाख मीट्रिक टन (MT) से अधिक धान ख़रीदा जा चुका है (जिसमे खरीफ फसल का 701.27 लाख Metric ton और रबी फसल का 3.08 लाख Metric ton समिलित है)।

Paddy Procurement During KMS 2020-21 upto 18-04-2021 And Corresponding procurement During KMS 2019-20 (In LMT) :

जानकारी के मुताबिक पिछले सीजन में इस समय तक 629.66 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। मौजूदा खरीफ विपणन वर्ष में तक़रीबन 105.46 लाख किसानों को पहले ही MSP मूल्य पर 1,32,981.20 करोड़ रुपये का भुगतान करके लाभ दिया जा चुका है।

107.08 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को दी मंजूरी

इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 107.08 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है।

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति दी गई है। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

खरीफ 2020-21 और रबी 2021 के तहत 18.04.2021 तक सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 5,74,125.54 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तुअर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है। इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के 3,65,065 किसानों को 3,016.53 करोड़ रुपये की आय हुई है।

इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए 18 अप्रैल, 2021 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है।

इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन फसलों की आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।

Moong Urad Groundnut pods soyabean and copra Procurement

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास खरीद का कार्य जारी

न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत ही पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक राज्यों से कपास की खरीद का कार्य भी सुचारु रूप से जारी है। दिनांक 18.04.2021 तक 18,86,498 किसानों से 26,719.51 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 91,89,311 गांठों की खरीद की जा चुकी है।

Kapas Procurement 2021

स्रोत- पीआईबी

इसे भी पढ़े : पंजाब के किसानों को पहली बार रबी फसलों का भुगतान सीधे बैंक खातों में मिला, अब तक इतनी हुई गेहूं की खरीद

Web Title : Government continues to purchase wheat, paddy, pulses, oilseeds and cotton crops at minimum support price, so far farmers have benefited

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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