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नरमा कपास की कीमतों में कब तक आएगी तेजी? गुलाबी सुंडी से फसल हुई चौपट

Jagat Pal

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Narma Kapas (Cotton) Teji-Mandi Report 2023: देश में अबकी बार कपास के कुल उत्पादन में भारी गिरावट कि आशंका के चलते अक्टूबर के बाद नरमा कपास की क़ीमतों में तेजी बन सकती है। आकड़ों के मुताबिक़ इस साल देशभर में कपास का रकबा पिछले साल के 127 लाख हेक्टेयर से घटकर 124 लाख हेक्टेयर तक सीमित हो गया है। सामान्य बिजाई क्षेत्र 130 लाख हेक्टेयर बताया जा रहा है।

गुलाबी सुंडी से बर्बाद हुई कपास

उत्तर भारत की बात करें तो इस बार हरियाणा पंजाब और राजस्थान के हनुमानगढ़ गंगानगर अनूपगढ़ जिलों में नरमा कपास की फसल बेमौसम बारिश और गुलाबी सुंडी यानी पिंक वार्म की चपेट में आने से 50 से 70 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई है।

मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक़ अकेले हनुमानगढ़ ज़िले में करीब 225 करोड़ रुपये की फसलें खराब हो गई हैं। ऐसे ही हालात कुछ श्रीगंगानगर ज़िले के हैं। हनुमानगढ़ में इस बार तकरीबन 2.06 लाख हेक्टेयर में बीटी कॉटन की बुवाई हुई थी। वहीं, गंगानगर में भी करीब 2 लाख हेक्टेयर में किसानों ने बीटी कॉटन बोया है।

किसानों की माने तो कुछ जगहों पर तो नरमा की फसल 90-100 फ़ीसदी खत्म हो गई है। किसानों के हालात इस कदर तक बिगड़ चुके है की उन्हें कपास की फसल में ट्रैक्टर चलाकर खड़ी फसल नष्ट करना पड़ रहा है।

पंजाब में बिजाई ही 1.75 लाख हेक्टेयर में है और उसके बड़े हिस्से पर पहले भारी बरसात और बाद में गुलाबी सुंडी ने हमला किया है। उत्तर भारत के इन राज्यों में लगभग 16 लाख हेक्टेयर में कपास है लेकिन इस का आधा हिस्सा गुलाबी सुंडी के प्रभाव में है। इसलिए यहां उत्पादन में बड़ी गिरावट आने की संभावना है। ऐसे ही हालात कुछ पिछले साल भी हुए थे।

फिलहाल उत्तर भारत की मंडियों में नयी फसल आने लगी है और भाव 6800-7450 रुपये प्रति क्विंटल के क़रीब कारोबार कर रहा है जो समर्थन मूल्य से अधिक है लेकिन किसान इससे ऊंचे भाव का इंतजार करेगा। उम्मीद भी है कि यह भाव 8000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है।

एमपी में भारी बारिश से फसल हुई चौपट

आल इंडिया काटन आयल सीड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के कोआर्डिनेटर श्री सुधीर अग्रवाल द्वारा मीडिया को दी जानकारी के मुताबिक़ मध्यप्रदेश में कपास बिजाई 4 प्रतिशत बढ़ कर 6500 लाख हेक्टेयर में हुई थी और अच्छी फसल की संभावना थी लेकिन 6 सितंबर से शुरू हुई बारिश से बाढ़ के ऐसे हालात बने कि 200 वर्ष का रिकॉर्ड टूट गया।

उन्होंने बताया कि कपास की फसल कई क्षेत्रों में अभी तक पानी में डूबी हुई है। अब निश्चित तौर पर उत्पादन घटेगा। हालांकि अक्टूबर में बिजाई होने वाली फसलों के लिए भूमि में नमी की मात्रा अच्छी होने से लाभ होगा। उधर गुजरात महाराष्ट्र मध्यप्रदेश में नयी फसल की आवक होने लगी है और भाव यहां भी 6800- 7000 रुपये प्रति क्विंटल है।

बीज कंपनियों पर हो कार्रवाई

किसानों के मुताबिक़ बीटी कॉटन में गुलाबी सुंडी लगने की मुख्य वजह खराब गुणवक्ता का बीज होना है। बीज कंपनियां दावा करती हैं कि बीटी बीजों में किसी तरह का रोग नहीं लगता, लेकिन लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ है कि बीटी कॉटन लगाकर किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में किसान सरकार से फसल मुआवज़े के साथ-साथ बीज कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे है।

किसानों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल

इस बार भारी बारिश और गुलाबी सुंडी के प्रकोप से किसानों को नरमा-कपास की फसल में भारी नुक़सान हुआ है। ऐसे में किसानों के लिए लागत निकालना तो दूर की बात बल्कि अपनी जेब से ख़र्च करना पड़ेगा। ऐसे में अगर नरमा कपास की कीमत कि बात करें तो राजस्थान हरियाणा और पंजाब की मंडियों में नरमा भाव फिलहाल 6800-7450 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।

क्या कपास की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है?

आने वाले समय में कपास के भाव में तेजी देखी जा सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस बार भारत सहित दुनिया में कपास की पैदावार गिरने की आशंका है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले सीजन (अक्टूबर 2023-सितंबर 2024) में कपास की पैदावार गिरेगी। इसमें 3 फीसद तक की गिरावट देखी जा सकती है। भारत के साथ दुनिया के कई देशों में कपास की मांग निचले स्तर पर चल रही है। इससे मांग में भले कमी हो, लेकिन दाम में वृद्धि रहने की संभावना है।

नरमे के भाव में तेजी कब आएगी?

देश में कपास का कुल उत्पादन घटने की धारणा से नवंबर के बाद बाजार तेजी दिखा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 के लिए नरमा (कपास) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹6620 प्रति क्विंटल तय किया गया है। हालांकि मंडियों में इसके भाव एमएसपी से अधिक बने हुए है लेकिन आने वाले समय में कीमतें मौजूदा उत्पादन को देखने हुए अक्टूबर के बाद 8000 रुपये प्रति क्विंटल के आकड़े को पार कर सकती है। WhatsApp पर मंडी भाव और खेती-किसानी की जानकारी पाने लिये हमारा चैनल जॉइन करें 

राजस्थान में नरमा कपास का मंडी भाव

27 सितंबर 2023

  • नोहर (राज.) न्यूनतम भाव 6600- अधिकतम भाव 7200 रुपये प्रति क्विंटल
  • रावतसर (राज.) न्यूनतम भाव 7157-अधिकतम भाव 7252 रुपये प्रति क्विंटल
  • जैतसर (राज.) न्यूनतम भाव 6000-अधिकतम भाव 7300 रुपये प्रति क्विंटल
  • संगरिया (राज.) न्यूनतम भाव 5700-अधिकतम भाव 6900 रुपये प्रति क्विंटल
  • केसरिसिंहपुर (राज.) न्यूनतम भाव 6700-अधिकतम भाव 6971 रुपये प्रति क्विंटल
  • रावला (राज.) न्यूनतम भाव 6795-अधिकतम भाव 7395 रुपये प्रति क्विंटल
  • अनूपगढ़ (राज.) न्यूनतम भाव 6400-अधिकतम भाव 7471 रुपये प्रति क्विंटल
  • श्री गंगानगर (राज.) न्यूनतम भाव 6500-अधिकतम भाव 7251 रुपये प्रति क्विंटल
  • गोलूवाला (राज.) न्यूनतम भाव 5701-अधिकतम भाव 7401 रुपये प्रति क्विंटल
  • पीलीबंगा (राज.) न्यूनतम भाव 7251-अधिकतम भाव 7332 रुपये प्रति क्विंटल

हरियाणा में कपास का भाव क्या है?

27 सितंबर 2023

  • सिरसा (हरियाणा) नरमा न्यूनतम भाव 6700-अधिकतम भाव 7231 | कपास 7400-7581
  • ऐलनाबाद (हरियाणा) नरमा न्यूनतम भाव 6400-अधिकतम भाव 7330 | कपास 8100
  • आदमपुर (हरियाणा) न्यूनतम भाव 7200-अधिकतम भाव 7460 रुपये प्रति क्विंटल
  • भट्टू (हरियाणा) नरमा न्यूनतम भाव 7000-अधिकतम भाव 7385 रुपये प्रति क्विंटल
  • फतेहाबाद (हरियाणा) नरमा भाव 7340 | कपास देशी भाव 7670 रुपये प्रति क्विंटल
  • उचाना (हरियाणा) न्यूनतम भाव 6900-अधिकतम भाव 7320 रुपये प्रति क्विंटल
  • जिंद (हरियाणा) नरमा भाव 7425 | कपास 7805 रुपये प्रति क्विंटल
  • बरवाला (हरियाणा) 7402 रुपये प्रति क्विंटल

डिस्क्लेमर – साथियों व्यापार अपने विवेक से करे हमारा उद्देश्य केवल किसानों तक उचित जानकारी पहुँचाना है । किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से विचार विमर्श अवश्य करें, किसी भी प्रकार के नफे -नुकसान की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। धन्यवाद

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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