मूंग-मसूर साप्ताहिक तेजी-मंदी रिपोर्ट 2024: नमस्कार किसान साथियों, बीते हफ्ते मांग बरकरार रहने से मूंग में तेजी रही जबकि मसूर में गिरावट देखने को मिली, आगामी दिनों में मूंग और मसूर का भविष्य क्या रहेगा? तेजी आएगी या मंदी, आइये देखें लेटेस्ट मार्केट रिपोर्ट…
मूंग साप्ताहिक तेजी-मंदी रिपोर्ट जनवरी 2024
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन 7500/8725 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 8750 रूपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान मूंग में मांग बनी रहने से +25 रूपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ।
मूंग के बाजार में मिला जुला रुख रहने के साथ प्रमुख केंद्र दिल्ली में राजस्थान की मूंग में कमजोरी दर्ज की गई मूंग का फंडामेंटल मजबूत होने के कारण कुछ अनिश्चितता के माहौल के कारण मजबूती नहीं बन पा रही है।
फंडामेंटल मजबूती इसलिए की फसल की कमी है, जबकि अनिश्चितता इसलिए की सरकार अब मूंग उत्पादों की बिक्री बाजार से कम भाव में करने की बात कह रही। जिसके कारण मिलर्स भी ढंग से काम नहीं कर पा रहा और व्यापारी भी असमंजस की स्थिति में है।
मूंग की सप्लाई काफी कमजोर है और अभी जल्द कोई बड़ी फसल नहीं आनी टेंडर में भी काफी धीमी मात्रा में छिटपुट टेंडर ही पास हो रहे, जिससे सप्लाई की पूर्ति नहीं हो पा रही।
जानकारों के अनुसार मूंग की टाइट सप्लाई को देखते हुए अभी घटबढ़ के साथ मजबूती जारी रहने की उम्मीद।
इसबीच जानकारी प्राप्त हो रही है सरकार मूंग दाल साबुत और धुली की बिक्री तमिलनाडु में बाजार भाव से कम में बेचने की योजना बना रही है। यदि यह प्रयोग अन्य प्रमुख खपत राज्यों में भी किया गया तो मूंग की तेजी पर ब्रेक लगने की उम्मीद है। मूंग में वर्तमान भाव में मुनाफावसूली कर सिमित कारोबार करना बेहतर।
मसूर साप्ताहिक तेजी-मंदी रिपोर्ट जनवरी 2024
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 6500 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 6400/25 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान कटनी मसूर व मसूर दाल मे मांग न रहने से -75 रुपए प्रति कुंटल की गिरावट दर्ज हुआ।
मसूर के दाम में बिकवाली बढ़ने से भाव में कमजोरी दर्ज की गई मसूर में ऊपर भाव में दाल लेवाल सिमित रहे; दाल में भी ग्राहकी धीमी रही दरअसल अगले महीने से नई फसल को देखते हुए ग्राहकी सिमित है।
सरकार ने 5 लाख टन इम्पोर्टेड मसूर खरीदी है। अगले माह अंत से नया मसूर भी शुरू हो जायेगा और फिर MSP 6425 रुपये पर सरकारी खरीदी भी आगे होगी।
मसूर की बोआई देखे तो इस वर्ष 19.51 लाख हेक्टेयर (+ 5.68%) हुई है। सरकार का मानना है की इस वर्ष मसूर उत्पादन रिकॉर्ड 16 लाख टन पार कर सकता है। हालांकि उद्योग जगत की माने तो 12-14 लाख टन के बीच उत्पादन रह सकता है।
तुवर दाल के ऊँचे भाव होने के कारण मसूर की खपत बढ़ी है (सालाना 23-24 लाख टन) विभिन्न राज्य सरकार भी अब तुवर दाल की जगह मसूर का टेंडर में खरीदी कर रही है।
मसूर की बढ़ती खपत को देखते हुए मसूर में 100-200 की मजबूती देखने को मिल सकता है। हालांकि सामने नया फसल भी है और सरकार ने भी बफर स्टॉक कर लिए है जो बड़ी तेजी को रोक सकती है।
मसूर में बड़ी तेजी-मंदी यहां से नहीं जंचता इसलिए जरुरत अनुसार कारोबार करने में दिक्कत नहीं।
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