अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन तेल के दामों में गिरावट की रफ्तार थम गई है, लेकिन ग्राहकी का समर्थन नहीं मिलने के कारण कीमतों में उछाल देखने को नहीं मिल रहा है। इस बीच, इंदौर मंडी में सोयाबीन तेल 1230-1235 रुपये प्रति दस किलो के स्तर पर स्थिर बना हुआ है।
अर्जेंटीना के मौसम ने दिए सपोर्ट सिग्नल
अर्जेंटीना में हाल के दिनों में हुई निराशाजनक वर्षा और आगे शुष्क मौसम के पूर्वानुमान ने सीबीओटी (Chicago Board of Trade) सोया कॉम्प्लेक्स को सपोर्ट प्रदान किया है। यह कारक वैश्विक बाजार में सोयाबीन तेल की कीमतों को स्थिर रखने में मददगार साबित हो रहा है।
ट्रंप टैरिफ का इंतजार
व्यापारी इस समय ट्रंप टैरिफ को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं। उनकी नजर इस बात पर टिकी हुई है कि क्या अमेरिका सोयाबीन तेल पर टैरिफ लगाएगा या नहीं। इस अनिश्चितता के चलते बाजार में सतर्कता बनी हुई है।
ब्राजील में बंपर फसल का अनुमान
ब्राजील में सोयाबीन की कटाई शुरू हो चुकी है, और इस साल बंपर फसल की उम्मीद की जा रही है। यह कारक वैश्विक बाजार में सोयाबीन तेल की आपूर्ति को बढ़ा सकता है, जिससे कीमतों पर दबाव बन सकता है।
भारतीय बाजार में स्थिति
भारतीय बाजार में सोयाबीन तेल की कीमतें अपने समर्थन स्तर के करीब बनी हुई हैं। इंदौर मंडी में सोयाबीन तेल 1200 रुपये प्रति दस किलो के प्रमुख समर्थन स्तर से ऊपर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा, कांडला पाम तेल 1290 रुपये के समर्थन स्तर को बनाए हुए है।
रिकवरी के लिए ट्रिगर की तलाश
बाजार को अभी एक ट्रिगर की जरूरत है, जो कीमतों में रिकवरी को सपोर्ट कर सके। मलेशिया में जनवरी के अंत में पाम ऑयल स्टॉक और ट्रंप टैरिफ से जुड़ी खबरें इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
मंडी भाव
- सोयाबीन: 4200 रुपये प्रति क्विंटल
- सरसों निमाड़ी (बारीक): 5800 रुपये प्रति क्विंटल
- एवरेज सरसों: 5400-5500 रुपये प्रति क्विंटल
निष्कर्ष
सोयाबीन तेल की कीमतें वर्तमान में स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में ट्रंप टैरिफ, ब्राजील की बंपर फसल और मलेशिया के पाम ऑयल स्टॉक जैसे कारकों का असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। व्यापारियों को इन कारकों पर नजर रखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।