Mustard Prices:- तेल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार (domestic market) में सरसों की कीमतों में मंदा आया। आज जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये घटकर दाम 5500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक (daily arrivals) बढ़कर 2.65 लाख बोरियों की हुई।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी (Mustard Oil Kachhi Ghani) और एक्सपेलर (Mustard Oil Expeller) की कीमतें कमजोर हो गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 14 रुपये घटकर 1001 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। जयपुर में सरसों खल की कीमतें 50 रुपये नरम होकर दाम 2755 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई।
इतनी रही सरसों की दैनिक आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 2.65 लाख बोरियों की हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस में आवक 2.65 लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 1.15 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 50 हजार बोरियों की आवक हुई।
व्यापारियों के अनुसार उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई तथा उत्पादक राज्यों में सरसों का बकाया स्टॉक (outstanding stock) पिछले साल की तुलना में अभी भी ज्यादा है, इसलिए दैनिक आवक बनी रहने की उम्मीद है।
खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में मांग अभी बनी रहेगी, जबकि इसकी कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक आयातित खाद्य तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों में गिरावट
विश्व बाजार (global market) में आज खाद्य तेलों (edible oils) की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। मलेशिया पाम तेल (malaysia palm oil) के दाम जहां ज्यादा कमजोर हुए, वहीं डालियान में सोया तेल (soya oil) और पाम तेल के भाव कमजोर हुए। इस दौरान शिकागो में सोया तेल की कीमतों में गिरावट आई। घरेलू बाजार में भी आज सरसों तेल की कीमतें कमजोर हो गई, साथ ही इस दौरान सरसों खल के भाव में मंदा आया।
अन्य खाद्य तेलों की कीमतों में आई कमजोरी और निवेशकों की मुनाफावसूली (profit booking) के कारण मलेशियाई एक्सचेंज KLC में पाम तेल की कीमतों में मंदा आया। कच्चे तेल की कीमतों में आज गिरावट आई, क्योंकि मध्य पूर्व में इसकी आपूर्ति बाधित होने की चिंता बढ़ गई है। साथ ही हैती आतंकवादियों ने लाल सागर में जहाजों पर हमले तेज कर दिए हैं।
जानकारों के अनुसार चीनी नव वर्ष के दौरान छुट्टियों की लंबी अवधि होने के कारण फरवरी में भी ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। हालांकि सबसे बड़े पाम उत्पादक इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कुछ पाम तेल उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है।