कपास पर कीट का प्रकोप, ट्रैक्टर चलाकर खड़ी फसल नष्ट पर मजबूर हुए किसान

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कपास की खेती (Cotton Farming) करने वाले किसानों को इस साल भी राहत नहीं मिली , पिछले साल गुलाबी सुंडी कीट के प्रकोप से जहां 60 फीसदी फसल प्रभावित हुई थी। जिससे किसानों (Farmers) को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। इस बार  एक तरफ जहां कपास का रकबा पूरे देश में बढ़ा है और किसान अच्छी पैदावार की उम्मीद में है। तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब राजस्थान व हरियाणा में कपास (नरमा) की फसल में कीट के प्रकोप बढ़ने की ख़बरें सामने आने लगी है।

देश के कई प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों जैसे राजस्थान, पंजाब, और हरियाणा के कुछ इलाकों में सफेद मक्खी, गुलाबी सुंडी, चिट्टे और मच्छर बड़ी संख्या में फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इससे किसानों में कपास को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा हरियाणा सहित कुछ राज्यों में भारी बारिश की वजह से भी फसलों को काफी नुकसान हुआ है।

किसानों को खुद नष्ट करनी पड़ रही है फसल

कपास में सफेद मक्खी, गुलाबी सुंडी, चिट्टे और मच्छर से पंजाब के मानसा जिले में हालात इतने खराब हो गये है की किसान लगातार कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा है। पेरोन गांव में किसानों ने मजबूर होकर 15 एकड़ कपास की फसल को स्वयं ही ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया, ताकि रोग आगे की फसल तक ना पहुंचे।

किसानों का कहना है कि अभी हमारे पास समय है और फसल नष्ट करने के बाद हम धान की रोपाई (Paddy Farming), ग्वार, बाजरा या किसी अन्य फसल की बुवाई कर सकते हैं। अगर बाद में फसल पर कीटों का प्रकोप अधिक होता है या फसल नष्ट होती है तो हमारे पास कुछ करने के लिए नहीं रहेगा। ऐसे में अब किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

कपास नरमा में है खास निगरानी की आवश्यकता

राजस्थान के हनुमानगढ़ में भी गुलाबी सुंडी ने दस्तक दे दी है। इस बार जिले में 1 लाख 85 हजार हेक्टेयर में कपास बोया गया है। फसल से किसानों के साथ ही क्षेत्र के कपास व्यापारी और सरकार को भी काफी उम्मीद है, लेकिन पंजाब और हरियाणा के सीमावर्ती गांव जैसे हरिपुरा आदि में गुलाबी सुंडी फसल को नुकसान पहुंचाने लगी है। कृषि विभाग ने निर्देश दिए हैं कि इस एरिया के किसानों को फसल की खास निगरानी की आवश्यकता है।

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मिलीबग कीट का एकाएक प्रकोप

हरियाणा के ऐलनाबाद क्षेत्र में नरमा की फसल में मिलीबग नामक बीमारी का हुआ प्रकोप हुआ है। भौगोलिक दृष्टि से ऐलनाबाद कृषि बाहुल्य क्षेत्र है। धान के अलावा क्षेत्र में नरमा की फसल भी बहुतायत रूप में होती है। नरमा की बिजाई किए हुए लगभग तीन महीने से अधिक का समय निकल गया है। ऐसे में नरमा की फसल में मिलीबग कीट का एकाएक प्रकोप का चिंता का विषय है।

भारी बारिश से कपास की फसल हुई प्रभावित

इन राज्यों के अलावा तेलंगाना के कपास, धान और ज्वार किसानों के लिए भारी बारिश मुसीबत का सबब बन चुकी है। दरअसल, यहां कई इलाकों में बाढ़ आ जाने से कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट हुई है। कहा जा रहा है कि 12 एकड़ में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। किसान सरकार से प्रति एकड़ 20 हजार रूपए मुआवजे की मांग कर रहे हैं, वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 1 हजार करोड़ रूपए की राहत राशि की मांग की है।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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