नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को एक नवंबर से केंद्रीय पूल से दिए जाने वाले गेहूं के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत ई-नीलामी में बोली लगाने की मात्रा 100 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 200 मीट्रिक टन कर दी गई है। फिलहाल ओएमएसएस के तहत यह मात्रा 100 टन है। गेहूं और उसके आटे की कीमतों को अधिक स्थिर करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने और गेहूं की कीमतों को स्थिर रखने के लिए, 01.11.2023 से ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) [ओएमएसएस (डी)] के तहत प्रत्येक बोली लगाने वाले की अधिकतम खरीद मात्रा 100 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 200 मीट्रिक टन कर दी गई है और पूरे भारत में प्रति ई-नीलामी की कुल मात्रा को 2 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है।
चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमत को नियंत्रित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप की भारत सरकार की पहल के तहत गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जाती है। 2023-24 की 18वीं ई-नीलामी 26.10.2023 को आयोजित की गई थी। देश भर के 444 डिपो से 2.01 एलएमटी गेहूं की बिक्री की गई।
ई-नीलामी में गेहूं के लिए 2763 सूचीबद्ध खरीददारों ने भाग लिया। और 2318 सफल बोली लगाने वालों को 1.92 एलएमटी गेहूं बेचा गया। एफएक्यू गेहूं के लिए भारित औसत विक्रय मूल्य रु. 2251.57/क्विंटल जबकि आरक्षित मूल्य पूरे भारत में 2150/क्विंटल था जबकि, यूआरएस गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य, आरक्षित मूल्य 2125/क्विंटल के मुकाबले 2317.85/क्विंटल था।
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स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की बिक्री से बाहर रखा गया है और ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसरों की आटा मिलों पर नियमित जांच/निरीक्षण भी किया जा रहा है। 26.10.23 तक देशभर में 1627 जांच किए जा चुके है।