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सरसों की नई फसल की आवक में बढ़ोतरी से कीमतों में मामूली गिरावट, देखें सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 8 अप्रैल

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सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 8 अप्रैल : बीते हफ्ते सरसों की नई फसल की आवक में बढ़ोतरी के कारण सरसों की कीमतों में मामूली गिरावट दर्ज आई । जयपुर में नई सरसों कंडीशन का भाव 5525 रुपये पर खुला था जो शनिवार शाम को 5450 रुपये पर बंद हुआ। यानी सरसों भाव पिछले सप्ताह 75 रुपए प्रति क्विंटल मंदा रहा।

बीते सप्ताह सरसों की आवक में सुधार हुआ है क्योंकि किसानों द्वारा फसल की बिकवाली बढ़ी है। मिल डिलीवरी भाव में मिला जुला रुख दिखा, कुछ मिलों ने दरों में बढ़ोतरी की, जबकि अन्य ने खरीद भाव में कटौती की। वहीं उच्च स्तर से सोया और पाम में कमजोरी से सरसों तेल पर भी दबाव दिखा।
इसके अलावा ऊपरी स्तर पर मांग की कमी के कारण कच्ची घानी की कीमतों में 5-10 रुपये प्रति 10 किलो की मामूली गिरावट आई।

बाजार की स्थिति और तेज़ी मंदी

  • मौजूदा स्तर पर सरसों खली और डीओसी की कीमतें स्थिर नजर आ रही हैं।
  • सरसों को लेकर इस समय खरीददारों और विक्रेताओं के बीच खींचतान चल रही है।
  • खरीदारों को अभी भी सरसों की कीमतों में 300-350 रुपये की गिरावट का इंतजार है।
  • सरकारी खरीद भी अब शुरू हो चुकी है और अब तक 72000 टन से अधिक खरीदारी हो चुकी है।
  • कांडला सोया तेल और जयपुर कच्ची घानी के बीच का अंतर लगभग 7 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गया।
  • पिछले साल भी इसी समय सोया और सरसों तेल में 6-7 रुपये किलो का अंतर था।
  • इस साल सभी कारक पिछले साल से काफी मिलते-जुलते हैं, यही कारण है कि हम सरसों में पिछले वर्ष के सामान ही हलचल देख रहे है।
  • पिछले साल फरवरी अंत से मध्य अप्रैल तक सरसों की कीमतों में 375 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी लेकिन इस साल अधिक उत्पादन के कारण अब तक केवल 125 रुपये की तेजी दर्ज की गई है।
  • सरसों की कीमतों में बड़ी उछाल के लिए सोया तेल की कीमतों को 1050 से ऊपर जाना होगा।
  • हालाँकि, सन आयल और सोया तेल की बढ़ती आपूर्ति के कारण, यह संभावना कम ही है कि यह इसके पार जाएगा।
  • इसलिए अगले कुछ हफ्तों तक सरसों की कीमतें एक सिमित दायरे में रह सकती हैं लेकिन मौजूदा स्तर पर लंबी अवधि के लिए सरसों का स्टॉक करना अभी भी अनुकूल नहीं है।
  • बाजार विशेषज्ञ व्यापारियों को लम्बी अवधि के दृष्टिकोण के लिए अप्रैल के अंत से मई के मध्य तक खरीदारी के लिए इंतजार करने का सुझाव दे रहे है।
  • जून के बाद कभी भी सरसों में एक तेजी की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन इसके लिए सही स्तर पर खरीदारी करना जरूरी है।

डिस्क्लेमर – व्यापार खुद के विवेक से करें। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।