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गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: वैज्ञानिकों ने विकसित की गन्ने की नई किस्में, किसानों को होगा लाभ

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Sugarcane Crop New Variety: दुनिया में अधिकतम गन्ने की खेती भारत देश में की जाती है, जिसके कारण भारत गन्ने का उत्पादन एवं निर्यात अधिकतम करता है। भारत के कई राज्य जैसे कर्नाटक, उतर प्रदेश , महाराष्ट्र और पंजाब गन्ने का बड़े सत्र पर उत्पादन करते हैं , यदि बात करे उतर प्रदेश और महाराष्ट्र की तो यहाँ के किसान केवल गन्ने की खेती पर ही निर्भर हैं इनकी आय का मुख्य स्त्रोत गन्ने की खेती है।

कई बार किसानों को अच्छी किस्म के बीज न मिलने से गन्ने की पैदावार पर नकारात्मक असर पड़ता है और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। किसानों की इसी समस्या का समाधान करते हुए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने गन्ने की नई किस्मों को विकसित किया है। इस किस्मों उच्च गुणवता को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है, जिसके अंतर्गत  रोग रोधी क्षमता अधिक होने के साथ साथ इनके ऊपर बेमौसम बारिश और गर्मी का असर न के बराबर पड़ेगा जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी होगी ।

गन्ने की नई किस्मों की विशेषताएं

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गन्ने की इस किस्म की लम्बाई कम एवं मोटाई अधिक पाई जाती है। देखने में यह हल्के पीले रंग का होता है। पंजाब ,हरियाणा और उत्तराखंड का मौसम इसके लिए अधिकतम अनुकूल है। इस किस्म की खेती करने पर आपको प्रति हेक्टेयर 91.5 टन पैदावार मिलेगी साथ ही यह लाल सड़न रोग से लड़ने में सक्षम है। इसके रस में 17.65% शर्करा और पोल प्रतिशत केन की मात्रा 13.42% होती है ।

कोलख 09204

इस किस्म को वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मौसम और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है। इस किस्म के गन्ने की मोटाई कम होती है, देखने में हरे रंग का होता है। यह प्रति हेक्टेयर 82.8 टन उत्पादन देने में सक्षम है। इसके रस में शर्करा 17 प्रतिशत होता है। वहीं, पोल प्रतिशत केन की मात्रा 13.22% है।

कोलख 14201

वैज्ञानिकों ने कोलख 14201 को उत्तर प्रदेश के मौसम और जलवायु को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है। इस किस्म का गन्ना पीले रंग का होता है। एक हेक्टेयर में कोलख 14201 की खेती करने पर 95 टन गन्ना प्राप्त होगा। इस किस्म के गन्ने में 18.60% शर्करा की मात्रा होती है, जबकि इसका पोल प्रतिशक 14.55% है। पैदावार के मामले में यह उत्तम किस्म हैं।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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