साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट : बीते कारोबारी हफ़्ते में सरसों की क़ीमत में जहां गिरावट देखने को मिली, वहीं चना में मजबूती देखने को मिली । आइये जाने बीते सप्ताह कितना उतार चढ़ाव आया और सरसों-चने में तेजी की कितनी गुंजाईश…
सरसों साप्ताहिक समीक्षा
पिछला सप्ताह की शुरुवात सोमवार जयपुर सरसों 5200 रुपये पर खुला जो की शनिवार शाम 5150 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग न रहने के कारण -50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। सप्लाई डिमांड मार्च-मई के बीच 45 लाख टन सरसो की आवक हो गयी है। वहीं इसी बीच 28 लाख टन सरसो क्रशिंग की गयी 1 जून को कुल मिलाकर 84 लाख टन सरसो शेष बचा हुआ है।
डिस्पैरिटी, सरसो तेल की कमजोर मांग के चलते सरसो की क्रशिंग हर महीने घट रही है। मौजूदा स्टॉक अगले 8-9 के लिए जरुरत से अधिक ही है।
मीलों की कमजोर मांग विदेशी बाजारों की शुरुआती गिरावट से सरसो के भाव इस सप्ताह 100-150 रूपए टूटे सप्ताह के आखरी 2-3 दिनों में विदेशी बाजार में रिकवरी को देखते हुए मीलों की खरीदारी बढी।
घटे भाव पर मांग निकलने और विदेशी बाज़ारों में सुधार से सरसो में कुछ रिकवरी आयी विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद सरसो तेल की ग्राहकी कमजोर ही रही।
इस सप्ताह सरसो तेल 5 रुपये/किलो तक की गिरावट आयी थी। विदेशी बाज़ारों में रिकवरी को देखते हुए सरसो तेल के भाव में भी निचले स्तरों से 3 रुपये/किलो की रिकवरी आयी।
घटे भाव में बिकवाली कमजोर पड़ने से गिरावट पर लगाम लगेगी वहीं ऊँचे भाव पर तेल मीलों की मांग कमजोर पड़ने से तेजी भी सिमित रहेगी।
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इस सप्ताह का आउटलक
सरसो का मौजूदा फंडामेंटल को देखकर बड़ी तेजी की उम्मीद कम, जब तक विदेशी बाजार में तेजी रहेगी सरसो और सरसो तेल भी बढ़त दिखाएंगे। जयपुर सरसों चार्ट कमजोर दिख रहा है। लेकिन अपने सपोर्ट 5100 को होल्ड कर रहा है।मौजूदा स्तरों से घटने को 100-150 और बढ़ने को 200-250 की जगह है।
चना साप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह शुरुआत सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5025/50 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम चना 5100 रुपये पर बंद हुआ।
बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग बनी रहने से +50 रुपये प्रति क्विंटल की मजबूती दर्ज की गई। पिछले सप्ताह की रिपोर्ट में चना में सुधार का अनुमान लगाया था और बाजार में मजबूती दिखी। दिल्ली सहित सभी प्रमुख बाजारों में चना 50-100 रुपये मजबूत रहा।
सुस्त आवक और कम भाव में बिकवाली के अभाव से चना में मजबूती दर्ज की गई। मंडियों में चना की आवक सुस्त होने से मिलर्स को चना कम भाव में मिलना अब मुश्किल हो रहा।
इस वर्ष कुल उत्पादन का अधिकतर चना नाफेड के पास स्टॉक में गया है। आगे मॉनसून के साथ चना दाल बेसन की मांग में सुधार की उम्मीद है। नाफेड के पास बंपर चना स्टॉक जमा हो गया जिससे भविष्य में भाव नाफेड की बिकवाली टेंडर पर निर्भर रहेगी। हालांकि इस बीच सिमित आवक और मांग को देखते हुए भाव में सुधार से इंकार नहीं ।
दिल्ली चना फिलहाल 5100 पर है और यह 5400-5500 का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। चना में वर्तमान भाव पर जोखिम कम शार्ट टर्म के लिए निवेश के लिए आकर्षक हालांकि जब नाफेड की बिकवाली निकलगी तो टेंडर के भाव और मात्रा ही भविष्य तय करेंगे।
डिस्क्लेमर :
कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार करने से पहले मंडी समिति से प्राइस की पुष्टि अवश्य कर ले। किसी भी प्रकार का व्यापार अपने विवेक से करें।