Rabi Season 2024: गेहूं के उत्पादन क्षेत्र रकबे में बंपर उछाल, कीमत पर पड़ेगा क्या असर

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Rabi Season 2024: गेहूं के रकबे में इस बार वृद्धि हुई है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का कुल उत्पादन क्षेत्र 12 जनवरी 2024 तक बढ़कर 336.95 लाख हेक्टेयर (Hectares) पर पहुंच गया, जो की पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 335.67 लाख हेक्टेयर से 1.28 लाख हेक्टेयर अधिक है। लगभग सभी राज्यों में गेहूं की बोआई का कार्य पूरा हो गया है इसलिए अब क्षेत्रफल में ज्यादा बदलाव होने की संभावना नहीं । 

राज्यों के अनुसार गेहूं का उत्पादन क्षेत्र (Rabi Season 2024)

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जिन राज्यों में पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं का उत्पादन क्षेत्र (Wheat Production Area) में बढ़ोतरी हुई है वो निम्न प्रकार है …

इन राज्यों में गेहूं के उत्पादन क्षेत्र में आया उछाल

  • उत्तर प्रदेश में 97.12 लाख हेक्टेयर से उछलकर 101.41 लाख हेक्टेयर
  • मध्य प्रदेश में 86.30 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 86.66 लाख हेक्टेयर
  • बिहार में 23.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 24.72 लाख हेक्टेयर तथा
  • हरियाणा में 23.67 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 23.77 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। 

इन राज्यों में गेहूं के उत्पादन क्षेत्र में आई गिरावट

  • राजस्थान में गेहूं का बिजाई क्षेत्र 29.67 लाख हेक्टेयर से घटकर 28.61 लाख हेक्टेयर
  • गुजरात में गेहूं का बिजाई क्षेत्र 12.90 लाख हेक्टेयर से गिरकर 12.20 लाख हेक्टेयर
  • महाराष्ट्र में गेहूं का बिजाई क्षेत्र 10.35 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 8.56 लाख हेक्टेयर तथा
  • पंजाब में भी गेहूं का रकबा गत वर्ष के 35.11 लाख हेक्टेयर से घटकर 35.07 लाख हेक्टेयर रह गया।

इसके अलावा देश के कई अन्य राज्यों में भी सीमित क्षेत्रफल में गेहूं की खेती की जाती है जिसमें जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, कर्नाटक तथा पश्चिम बंगाल आदि शामिल है। इन राज्यों में गेहूं का उत्पादन क्षेत्र या तो पिछले साल के बराबर रहा या उसमें मामूली अंतर देखा गया। 

देश में गेहूं बिजाई का कार्य खेतों में लगभग पूरा हो चुका है। अब किसानों का ध्यान मौसम पर केन्द्रित हो गया है जो फिलहाल सामान्य बना हुआ है। गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए फरवरी-मार्च महीना सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिस पर नजर रखना ज़रूरी होगा।  

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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