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बारिश से फसल नुकसान की तुरंत भरपाई हेतु विशेष गिरदावरी करने के दिए आदेश

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हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा प्रदेश में 05 सितंबर 2021 से अब तक हुई बैमौसमी बारिश से हुए फसलों के नुकसान की तुरंत भरपाई के करने हेतु विशेष गिरदावरी करने के आदेश जारी कर दिए है . मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने 25 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.

आगे उन्होंने कहा की अबकी बार प्रदेश में वर्षा बहुत हुई इससे पहले सितंबर महीने में इतनी वर्ष कभी नही हुई .इस वर्ष के कारण से किसानों को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है, जिसके चलते हरियाणा राजस्व विभाग को आदेश दे दिए गये है की वो फसलों की गिरदावरी करवाये और जिस भी किसान का नुकसान हुआ है उसकी रिपोर्ट 15 अक्टूबर 2021 तक जमा करवाए . ताकि समय पर किसान को उसकी खराब फसल की मुआवजा राशि मिल सके .

मुख्यमंत्री ने कहा की अगर किसान की फसल का बीमा किया हुआ है तो उसका मुआवजा बीमा कम्पनी देगी और यदि फसल का बीमा नही किया हुआ है तो उसका मुआवजा हरियाणा सरकार (compensation for crop damage) देगी (12,000 रुपये एकड़).

हरियाणा के इन जिलों में जा रही है विशेष गिरदावरी

प्रदेश में सितंबर 2021 में हुई  बैमौसमी बारिश से हुए फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए राजस्व विभाग को विशेष गिरदावरी के आदेश दिए गये है. जानकारी के मुताबिक मूंग की फसल के लिए राज्य के सभी जिलों में गिरदावरी की जाएगी एवं कपास की फसल के लिए कुरुक्षेत्र, पंचकूला, अम्बाला व यमुनानगर जिलों को छोड़कर शेष सभी जिलों में विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट तैयार की जायेगी.

फसलों को हुए नुकसान का आकलन

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि कपास और मूंग की फसलों के खराबे का आकलन 25% से 33%, 33% से 50% , 50% से 75% और 75 से शत-प्रतिशत की श्रेणी में किया जाएगा। सभी राजस्व अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे खराबा से संबंधित गिरदावरी प्रविष्टिïयों की सुपरवाइजरी जांच करें।

फसल क्षति का डेटाबेस तैयार करने के लिए एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन विकसित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसे मामलों को गलती से मुआवजा न मिले जहां किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन किया हुआ है।

इसके लिए तहसील स्तर पर हैरिस और वैब हलरिस में डेटा प्रविष्टिïयां की जा रही हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसे किसानों को फसलों का मुआवजा न अदा किया जाए जिन्होंने फसल बीमा के लिए पहले ही आवेदन और पंजीकरण करवा रखा है।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना या किसी अन्य फसल बीमा योजना के तहत कवर खराबा क्षेत्र को इस विशेष गिरदावरी में शामिल नहीं किया जाएगा।

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मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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