कृषि व्यापार समाचार : पिछले सप्ताह यानी सोमवार (18 सितंबर) को जयपुर सरसों 5850 रुपये पर खुला था जोकि शनिवार (23 सितंबर) शाम को 5800 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग न रहने से -50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई ।
नाफेड के टेंडर जारी होने से मीलों ने भाव घटाकर खरीदारी करना शुरू किया। बीते सप्ताह बड़ी मीलों ने खरीदी भाव 125-150 रुपये घटाया घटे भाव में स्टॉकिस्ट और किसान की बिकवाली घटने से मंडियों में आवक कमजोर पड़ी।
नाफेड ने अब तक कोई भी बिड पास नहीं किया। नाफेड ने 6200 की गलती से पड़ी बिड को पास किया था जिसका बाजार पर कोई प्रभाव नहीं दिखा। एमएसपी पर खरीदारी करने के बाद अब नाफेड एमएसपी के नीचे बिकवाली करने के मूड में नहीं। नाफेड का टेंडर सिर्फ बाजार को दबाकर रखने की लिए हो रहा है।
सरसो खल की मांग मजबूत चल रही है जिससे कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। खल की मजबूती और मंडियों में सिमित आवक सरसो में बड़ी गिरावट से बचा रहा है। अगस्त महीने में सरसो खल का निर्यात 4.47% गिरकर 2.61 लाख टन हुआ।
पिछले वर्ष के सामान अवधि की तुलना में निर्यात 14 % अधिक हालाँकि सरसो तेल की कमजोरी और नाफेड की बिकवाली से फ़िलहाल तेजी पर भी लगाम सितम्बर महीने में सरसो की चाल बेहद सिमित दायरे में रही।
दिवाली से पहले पिछले वर्ष सरसो में 600-700 रुपये की एक अच्छी तेजी देखने को मिली थी, इस वर्ष नाफेड की बिकवाली, खाद्य तेलों के ऊँचे स्टॉक को देख उतनी तेजी की सम्भावना कम।
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यहाँ से तेजी के लिए नाफेड का ऊँचे भाव में टेंडर पास करना जरुरी और साथ ही में आयातित तेलों की कीमतों में मजबूती भी चाहिए मौजूदा सप्लाई और डिमांड नाफेड की बिकवाली, अंतराष्ट्रीय बाजार की चाल को देख सरसो में बड़ी गिरावट की उम्मीद कम जयपुर ऊपर में 6050 और निचे में 5525 के बीच कारोबार करने का अनुमान।
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डिस्क्लेमर:
Mustard Price Report: कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश केवल किसानों तक जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।