साप्ताहिक तेजी-मंदी रिपोर्ट 2024: नमस्कार किसान साथियों, पिछले हफ्ते मूंग में तेजी जबकि मसूर में गिरावट देखने को मिली, आगामी दिनों में मूंग और मसूर का भविष्य क्या रहेगा? तेजी आएगी या मंदी, आइये देखें लेटेस्ट मार्केट रिपोर्ट…
मूंग साप्ताहिक तेजी-मंदी रिपोर्ट
बीते हफ्ते (8-13 जनवरी) सोमवार को दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन-7600/8725 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम -7600/8825 रूपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान मूंग में मांग बनी रहने से +100 रूपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज की गई।
सप्ताह के दौरान दिल्ली मूंग (राजस्थान लाइन) में 275 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज किया गया। राजस्थान की नोहर मंडी में शनिवार को मूंग का अधिकतम भाव 9070 रुपये प्रति क्विंटल का रहा। अन्य प्रमुख बाजारों में भी मूंग के दाम में 100-200 की मजबूती के संकेत मिले।
मूंग की सप्लाई काफी कमजोर है और अभी जल्द कोई बड़ी फसल नहीं आनी। टेंडर में भी काफी धीमी मात्रा में छिटपुट टेंडर ही पास हो रहे, जिससे सप्लाई की पूर्ति नहीं हो पा रही।
जानकारों के अनुसार मूंग की टाइट सप्लाई को देखते हुए अभी घटबढ़ के साथ मजबूती जारी रहने की उम्मीद। इस बीच जानकारी प्राप्त हो रही है की सरकार मूंग दाल साबुत और धुली की बिक्री तमिलनाडु में बाजार भाव से कम में बेचने की योजना बना रही है। यदि यह प्रयोग अन्य प्रमुख खपत राज्यों में भी किया गया तो मूंग की तेजी पर ब्रेक लगने की उम्मीद है। मूंग में वर्तमान भाव में मुनाफावसूली कर सिमित कारोबार करना बेहतर।
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मसूर साप्ताहिक तेजी-मंदी रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 6550/6575 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 6500 रुपये पर बंद हुआ. बीते सप्ताह के दौरान कटनी मसूर व मसूर दाल मे मांग न रहने से -75 रुपए कुंटल की गिरावट दर्ज की गई । मसूर के दाम सप्ताह के दौरान कमोबेश स्थिर रहे।
मसूर में नीचे भाव में ग्राहकी में सुधार देखा जा रहा है। पोर्ट पर सिमित स्टॉक होने से इम्पोर्टेड मसूर में बिकवाली कमजोर है।
देशी मसूर में भी दो सप्ताह से अच्छी मांग निकलने से भाव में सुधार हुआ है। जानकारों के अनुसार जनवरी-फरवरी में मसूर आयात सुस्त रहने की उम्मीद है।
दरअसल अंतराष्ट्रीय बाजार में ऊंचा दाम होने से हाल फिलहाल में काफी कम सौदे हुए हैं। हालांकि सरकार ने 5 लाख टन इम्पोर्टेड मसूर खरीदी है, 2 लाख अतिरिक्त खरीदी की योजना भी बना रही। अगले माह अंत से नया मसूर भी शुरू हो जायेगा और फिर MSP 6425 रुपये पर सरकारी खरीदी भी आगे होगी।
मसूर की बोआई देखे तो इस वर्ष 19.45 लाख हेक्टेयर (+5.77%) हुई है। सरकार का मानना है की इस वर्ष मसूर उत्पादन रिकॉर्ड 16 लाख टन पार कर सकता है। हालांकि उद्योग जगत की माने तो 12-14 लाख टन के बीच उत्पादन रह सकता है।
तुवर दाल के ऊँचे भाव होने के कारण मसूर की खपत बढ़ी है (सालाना 23-24 लाख टन) विभिन्न राज्य सरकार भी अब तुवर दाल की जगह मसूर का टेंडर में खरीदी कर रही है।
मसूर की बढ़ती खपत को देखते हुए मसूर में 100-200 की मजबूती देखने को मिल सकती है। हालांकि सामने नया फसल भी है और सरकार ने भी बफर स्टॉक कर लिए है जो बड़ी तेजी को रोक सकती है।
मसूर में बड़ी तेजी-मंदी यहां से नहीं जंचता इसलिए जरुरत अनुसार कारोबार करने में दिक्कत नहीं।
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