Kamdhenu Bima Yojana 2023: देश में एक बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी है। हाल ही के दिनों में उत्तर भारत में फैले लंपी त्वचा रोग के कहर से लाखों पशुओं की जान चली गई। ऐसे में पशुपालन क्षेत्र से जुड़े लोगों को लंपी वायरस (Lumpy skin disease virus) से भारी नुक़सान हुआ हैं। ऐसे में पशुपालकों को राहत देने के लिए कई राज्य सरकारों ने राहत पैकेज का ऐलान किया।
राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा 10 फ़रवरी को पेश किए बजट में राज्य के पशुपालकों के लिए एक बड़ा फैसला कामधेनु बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की । इस योजना के अंतर्गत लंपी रोग से मरने वाली गायों के लिए मुआवजा राशि देने का प्रावधान किया गया है । आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में पूरी जानकारी
लंपी से मरने वाले गौवंशों के लिए पशुपालकों को मुआवजा राशि
पशुपालन सेक्टर का विकास-विस्तार करने के लिए पशुधन की सुरक्षा बेहद जरूरी है। पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य और पशुपालकों को इनकी सुरक्षा की गारंटी मिलेगी तो ये क्षेत्र लाभकारी बनकर उभरेगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने अपने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना को शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत लंपी त्वचा रोग के प्रकोप से जान गंवाने वाली गौवंशों के मालिक पशुपालकों को 40,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
क्या है मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना
राजस्थान सरकार द्वारा बजट 2023-24 में कामधेनु बीमा योजना की घोषणा की है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि केंद्र की पशुधन बीमा स्कीम के तहत 50,000 पशुओं के बीमा की सीमा निर्धारित है, जबकि राज्य में पशुधन का विस्तार हो रहा है।
रिपोर्ट की मानें तो केंद्र की योजना में दुधारू पशुओं की असामयिक मृत्यु होने पर पशुपालकों को भरपाई नहीं मिलती। यही वजह है कि पशुपालकों को नुकसान की यूनिवर्सल कवरेज देने के लिए राज्य के पशुपालकों को मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना से जोड़ा जाएगा।
इस स्कीम के तहत हर एक पशुपालक परिवार को उनके 2-2 दुधारु पशुओं का बीमा करवाने की सहूलियत प्रदान की जाएगी। साथ ही, प्रति पशु बीमा का रकम 40,000 रुपये होगा । राजस्थान सरकार ने अपने बजट में कामधेनु बीमा योजना के लिए 750 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है, जिसका लाभ राज्य के तक़रीबन 20 लाख पशुपालकों को मिल सकेगा।
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