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Farmer Scheme: जैविक खाद के लिए के लिए सरकार देगी 50% तक का अनुदान, जानिए कैसे उठाएं योजना का लाभ!

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Rajasthan Farmer Scheme: किसान साथियों क्या आपको पता है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने के लिए एक योजना शुरू की हुई है। इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही। जी हाँ! हम बात कर रहे है, गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना (Goverdhan Organic Fertilizer Scheme) के बारे में, इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार किसानों को सालाना 30,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि और वर्मी कम्पोस्ट इकाई लगाने पर 10,000 रुपये तक का अनुदान दे रही है ।आइए जानते हैं योजना के बारें में विस्तार से…

गोवर्धन योजना: जैविक खेती की ओर पहला कदम

राजस्थान सरकार ने बजट 2024 में की गई घोषणाओं को अमली जामा पहनाते हुए गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना शुरू की है। कृषि विभाग के अनुसार, इसका मुख्य उद्देश्य गौवंश (बैलों) के माध्यम से जैविक खाद (Organic Fertilizer) उत्पादन को बढ़ावा देना है। वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थापित करने वाले किसानों को लागत का 50% या अधिकतम 10,000 रुपये प्रति इकाई अनुदान दिया जाएगा। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटाकर “प्राकृतिक खेती की परंपरा” को पुनर्जीवित करेगा।

योजना का लाभ उठाने के लिए क्या हैं शर्तें?

गोवर्धन योजना में आवेदन करने के लिए किसानों को कुछ मानदंड पूरे करने होंगे।

  • सबसे पहले, आवेदक के पास कम से कम 3 गौवंश होने चाहिए।
  • साथ ही, उसके नाम पर कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व होना अनिवार्य है।
  • यदि भूमि संयुक्त स्वामित्व में है, तो नॉशनल शेयरधारक प्रमाणपत्र जमा करना होगा।
  • मंदिर की भूमि के संरक्षक (पुजारी) भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि आवेदन की ऑनलाइन स्क्रूटनी के दौरान कोई त्रुटि मिलने पर 15 दिनों का समय दिया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया

गोवर्धन योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। किसान ई-मित्र केंद्र या सीधे राजकिसान साथी पोर्टल (rajkisansathi.rajasthan.gov.in) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए जन आधार नंबर या SSO आईडी की आवश्यकता होगी। ध्यान रहे, ज़माबंदी की नकल (6 महीने से अधिक पुरानी नहीं) अपलोड करना अनिवार्य है। आवेदन स्वीकृत होने के बाद, जिलाधिकारी या उनके प्रतिनिधि इकाई का फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे। सरकार ने “पहले आओ-पहले पाओ” के आधार पर आवेदनों को मंजूरी देने का नियम बनाया है।

आवश्यक दस्तावेज

राजस्थान सरकार की गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करना आवश्यक है:

  • राजस्थान निवास प्रमाण।
  • आधार कार्ड।
  • जन आधार कार्ड।
  • मोबाइल नंबर।
  • बैंक खाता विवरण।
  • पासपोर्ट साइज फोटो।
  • खेत की जमीन का स्वामित्व।
  • जमाबंदी।

ऐसे मिलेगा योजना का लाभ

यदि आप योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करते है तो, आवेदन स्वीकृत होने के बाद आवेदनकर्ता किसान को 45 दिनों के भीतर वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थापित करनी होगी। यदि कार्य पूरा नहीं होता है, तो प्रशासनिक मंजूरी स्वतः निरस्त हो जाएगी। हालांकि, सरकार ने प्री-वेरिफिकेशन के बाद मात्र 10 दिनों में अंतिम स्वीकृति देने का वादा किया है। अनुदान राशि का भुगतान इकाई के फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद सीधे किसान के खाते में किया जाएगा।

क्यों जरूरी है यह योजना?

रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से राजस्थान की 68% कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति घटी है (कृषि विभाग, 2022)। गोवर्धन योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करके भविष्य की फसलों को भी सुरक्षित करेगी। जैविक खाद के उपयोग से पानी की बचत और फसलों के पोषण मूल्य में वृद्धि जैसे दीर्घकालिक लाभ भी मिलेंगे।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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