Trading in agricultural commodities: आगामी दिनों में गेहूं, चना, मक्का, बाजरा, मूंग, तुवर इत्यादि फसलों में व्यापार करते समय क्या-क्या बातें ध्यान में रखें? आइये जाने
गेहूं-अब तेजी का समय नहीं
गेहूं का उत्पादन अधिक होने के अंदेशे से स्टॉक के माल तेजी से निकलने लगे हैं यही कारण है कि गत सप्ताह के अंतराल 50 रुपए घटकर 2500/2550 रुपए प्रति कुंतल भाव रह गए हैं। मुलताई लाइन में आज गर्मी बढ़ने से आवक और बढ़ गई, उधर राजस्थान के कोटा बारा लाइन में भी आज आवक अधिक बताई गई, इसे देखते हुए इसमें चालू सप्ताह में 50 रुपए और निकल जाएंगे।
बाजरा-व्यापार में रिस्क नहीं
बाजरे में बाहरी ट्रेड के कारोबार करने वाले व्यापारियों के माल कट चुके हैं, इसलिए शॉर्टेज में आ गया है। गत सप्ताह के अंतराल मौली बरवाला पहुंच पोल्ट्री उद्योग की तथा उत्पादक मंडियों से डिस्टलरी प्लांटों की मांग घट जाने से यहां आपूर्ति बढ़ गई। यही कारण है कि जो बाजार राजस्थान से मौली बरवाला पहुंच में 2450/2475 रुपए बिका था, उसके भाव 2400/2425 रुपए प्रति कुंतल रह गए। तथा अब व्यापार में कोई रिस्क नहीं दिखाई दे रहा है, क्योंकि नया माल निकट भविष्य में आने वाला नहीं है।
मक्की : बढ़े भाव में माल बेचिए
गत 5-6 दिनों में मकई में रैक वालों की मांग फिर निकलने से 50/60 रुपए की तेजी आ गई है, जिसके चलते दिल्ली एनसीआर सहित हरियाणा पंजाब की मंडियों में हाल ही में तेजी बन गयी है। मध्य प्रदेश की मंडियों में 2240/2250 रुपए का व्यापार हो रहा है तथा रैक पॉइंट पर 2290/2300 रुपए तक माल लोडिंग में बोल रहे हैं, बिहार की मंडियों में भी 2300/ 2325 रुपए मक्की के भाव हो गए हैं, अभी वर्तमान भाव की मकई में माल बेचकर मुनाफा कमाना चाहिए। चालू महीने में बिहार में मक्की की फसल आ जाएगी। बिहार के खगड़िया बेगूसराय गुलाब बाग दरभंगा आदि उतपादक क्षेत्रों में मक्की की बिजाई बढ़िया हुई है इसलिए हर बढ़े भाव में माल बेचना चाहिए।
ग्वार : ज्यादा मंदा नहीं
गम मिलों की मांग निकलने तथा निचले स्तर पर बिकवाली घटने से गत सप्ताह के दौरान जोधपुर मंडी में ग्वार के भाव 100 रूपये बढकर 5200/5250 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। स्टाकिस्टों की बिकवाली कमजोर होने से हिसार मंडी में ग्वार के भाव 4800/4900 रूपये पर प्रति क्विंटल पर टिके रहे। सटोरिया बिकवाली से एनसीडीईएक्स में ग्वार मार्च डिलीवरी में मामूली उतार चढ़ाव बना रहा। हाल ही में आई गिरावट को देखते हुए भविष्य में मंदे के आसार नहीं लग रहे है।
देसी चना-वर्तमान भाव में लाभ मिलेगा
महाराष्ट, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं राजस्थान में इस बार बिजाई अनुकूल नहीं है, जिससे वहां जो नये माल आ रहे हैं, उसके भाव काफी ऊंचे चल रहे हैं। चालू सप्ताह दाल मिलों की मांग ठंडी पड़ जाने से 200 रुपए घटकर लारेंस रोड पर राजस्थानी चना 5750 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास नीचे में बिकने के बाद पुनः 5800 हो गया है। अब फिर उत्पादक मंडियों से पड़ते ऊंचे लगने लगे हैं, अतः यहां भी इसमें घटने की बिल्कुल गुंजाइश नहीं है। वर्तमान में एक महीने के अंतराल शादियां नहीं हैं, जिससे ज्यादा तेजी भी नहीं आएगी, लेकिन आगे चलकर लाभदायक लग रहा है।
काबुली चना-अभी और मंदे की उम्मीद
काबुली चने में इस समय ग्राहकी की भारी कमी बनी हुई है तथा महाराष्ट्र के माल पिछले दिनों के ऊंचे भाव के कारोबारी बिकवाली में आ गए हैं, जिसके चलते यहां गत सप्ताह 2/3 रुपए घटकर महाराष्ट के माल 78/80 रुपए प्रति किलो के बीच रह गया है। हम मानते हैं कि पीछे से मंदे में माल मिल रहा है तथा उत्पादन में भारी वृद्धि होने से दूरगामी परिणाम लम्बी तेजी का इस बार नहीं लगता है। अतः इन परिस्थितियों में वर्तमान भाव के काबली चने को बेचकर निकल जाना चाहिए।
मूंग-कुछ दिन माल की कमी
मूंग का उत्पादन राजस्थान में प्रचुर मात्रा में हुआ है, महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश में भी पर्याप्त मात्रा में किसानों एवं दाल मिलों के पास पड़ा हुआ है। पिछले दिनों आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में ऊंचे भाव देखकर स्टॉकिस्ट प्रतिस्पर्धात्मक खरीद कर लिए थे, जिससे सीजन में ही राजस्थानी मूंग वहां जाकर ऊंचे भाव में बिक गई। नागौर दौसा डीडवाना मेड़ता शेखावाटी जोधपुर सभी उत्पादक क्षेत्रों से मूंग की आवक लगातार बढ़ने लगी है, जिससे अभी कुछ दिन तक मूंग में और तेजी नहीं लग रही है। वर्तमान में राजस्थान की मूंग 8400 से 8900 रुपए प्रति कुंतल के बीच चल रही है। दाल की बिक्री को देखते हुए मूंग में और लंबी तेजी का भी व्यापार नहीं करना चाहिए।
तुवर-बड़े भाव में बेचते रहिए
तुवर की फसल महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश सभी साउथ एवं पश्चिम के राज्यों में चल रही है। महाराष्ट्र में दागी व नमी के अनुसार 100/ 106 रुपए प्रति किलो के बीच बिकवाल आने लगे हैं। यहां भी लेमन तुवर माल की कमी से 105 रुपए प्रति किलो बिक हो गई है। वास्तविकता यह है कि बर्मा से माल मगांने पर कोई आयात पड़ता नहीं है, चेन्नई में भी ज्यादा माल नहीं है। महाराष्ट्र की फसल फेल हो गई है। यही कारण है कि नीचे के भाव आने के बाद बाजार टूट नहीं रहा है, लेकिन एक बार माल बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए।
मोठ-अब माल खरीदिए
मोठ में भारी गिरावट के बाद 50 रुपए बढ़कर 6350/6400 रुपए प्रति कुंतल भाव हो गए है। मेड़ता नागौर बालोतरा बीकानेर नोहर दौसा डीडवाना आदि सभी मंडियों में इस बार मोठ का स्टॉक जमा हुआ, लेकिन एक सप्ताह में काफी माल कट चुका है, इसे देखते हुए वर्तमान भाव में मोठ का व्यापार करना चाहिए।
राजमां चित्रा ठहरकर तेजी संभव
1 अप्रैल बिहार का डिस्को माल नया आने लगा है, जो यहां 103-104 रुपए प्रति किलो गत सप्ताह बिका था। आने वाले माल 100 रुपए तक बोलने लगे हैं, जिससे विदेशी मालों के भाव भी थोड़ा दब गए हैं। हालांकि राजमां चित्रा का आयात पड़ता वर्तमान के भाव से महंगा लग रहा है, यहां पिछले दिनों की आई तेजी के बाद ग्राहकी कमजोर से बाजार थोड़ा उपर जाकर रंगत के हिसाब से 120/124 रुपए प्रति किलो के बीच टिका हुआ है। मुंबई में 116/121 रुपए प्रति किलो का व्यापार हो रहा है। आज की तारीख में आयात करने पर 2/3 रुपए प्रति किलो चीन से महंगा पड़ रहा है, इन परिस्थितियों में अब और घटने की गुंजाइश नहीं है। नीचे वाले माल गन्ना साफ सुथरा 9000/9200 रुपए के आसपास बिक रहे हैं। अब इन भावों में गन्ना, डिस्को एवं चाइना माल फिर लाभ दे जाएगा।
चावल-स्टॉकिस्टों एवं निर्यातकों की मांग बढ़ी
यूपी हरियाणा पंजाब राजस्थान सभी उत्पादक मंडियों में धान की आवक पूरी तरह समाप्त हो गई है। दूसरी ओर निर्यातक व स्टॉकिस्ट दोनों ही खरीद करने लगे हैं, जिससे गत सप्ताह के अंतराल 100/200 रुपए प्रति क्विंटल सभी तरह के बासमती प्रजाति के चावल में तेजी आ गई है। यहां 1509 सेला चावल 6900/7000 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया है तथा स्टीम चावल 8200 रुपए हो गया है। वास्तविकता यह है कि पिछले 3 महीने से लगातार गिरावट के बाद अधिकतर माल स्टॉकिस्टों के कट चुके हैं तथा जो धान मीलिंग में जा रहा है, उसके पड़ते वर्तमान भाव से अभी भी 300/350 रुपए महंगे पड़ रहे हैं, जिससे बाजार अभी और तेज लग रहा है।
कनाडा में सिमित मटर स्टॉक
कनाडा में मटर की कुल सप्लाई (2023-24) 31.87 लाख टन था, जिसमे से अब तक (सितम्बर-फरवरी 2023-24) के बीच 20.5 लाख टन निर्यात और घरेलु खपत में जाने का अनुमान है। कनाडा के पास अब 11.4 लाख टन मटर स्टॉक का अनुमान और अभी नया सीजन में 6 माह का समय है। ने मार्च-अगस्त 2023 में 9.83 लाख टन मटर निर्यात किया था। कनाडा में मटर का एन्ड स्टॉक इस वर्ष 1.50-2 लाख टन ही शेष रहने का अनुमान है, जोकि पिछले कई वर्षों में कम रह सकता है।
बेहतर मांग से मटर के दाम में सुधार
- देश में मटर के दाम में निचले भावों से सुधार दर्ज किया जा रहा है। मटर आयात बढ़ने के साथ साथ देश में मटर की मांग भी काफी तेजी से बढ़ी है। पिछले एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश में 100-200 रुपये का उछाल दर्ज किया गया।
- देश में मटर आयात खुलने के बाद से अब तक लगभग 9 लाख टन मटर आयात होने का अनुमान है। सबसे अधिक मटर रूस और फिर कनाडा से आयात हुआ है।
- जानकारों के अनुसार भारत द्वारा मांग बढ़ने से विदेशों खासकर कनाडा और रूस में अब मटर स्टॉक सिमित रह गया है।
डिस्क्लेमर – व्यापार खुद के विवेक से करें। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।