चना भाव भविष्य 2024 / GRAM FUTURE MARKET PRICE 2024 : नमस्कार किसान साथियों, आइये देखें बीते हफ्ते के दौरान देश में चना का भाव क्या कुछ रहा। चने में कितनी तेजी या मंदी आई। कैसा रहेगा आने वाले दिनों में चने के का भाव?
चना साप्ताहिक रिपोर्ट 15 जनवरी 2024
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5875/5900 रुपये पर खुला था। और शनिवार शाम चना 6025 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग बनी रहने से +125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी रही।
बाजार के विशेषज्ञ कमजोर बोआई के बाद प्रतिकूल मौसम के कारण चना की यील्ड कमजोर रहने की संभावना जता रहे हैं।
चना का स्टॉक प्राइवेट हाथो में काफी सीमित है और घरेलू मांग की पूर्ति नाफेड टेंडर और OTR के चना से हो रही है।
हमारा मानना है की अगले सीजन (मार्च से फरवरी 2024-25) में चना का सप्लाई-डिमांड काफी टाइट रहने की उम्मीद है।
नाफेड के पास अब 2023 का ही चना स्टॉक में है जो हमारा मानना है की 12 लाख टन के आसपास रहने का अनुमान है।
दक्षिण भारत के राज्यों में चना उत्पादन में बड़ी गिरावट रहने का अनुमान है। महाराष्ट्र में आगे-पीछे हुई है जिसके कारण उत्पादन को लेकर संशय बना हुआ है। महाराष्ट्र में चना की फसल को जनवरी और फरवरी माह में ठंड को जरूरत पड़ेगी अन्यथा यील्ड कमजोर रह सकता है।
मध्य प्रदेश में ठंड में सुधार होने से चना की फसल फायदा मिलने की उम्मीद है। जबकि राजस्थान में बोआई कमजोर है।
चना के कारोबारी को नाफेड टेंडर और OTR का कितना चना बाजार में आयेगा पर नजर रखने के साथ साथ अब मटर आयात के गणित को अच्छी तरह समझना होगा।
मार्च अंत 2024 तक 5 लाख टन मटर आयात होने की जानकारी मिल रही है। यदि सरकार ने मटर आयात को मार्च 2024 के आगे बढ़ाया ( जिसकी संभावना भी है) तो चना में अच्छी तेजी आने नही देगा। दिल्ली चना को 5850 पर मजबूत सपोर्ट और ऊपर में 6400-6500 पर लक्ष्य (मार्च-अप्रैल) प्राप्त होने की उम्मीद।
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काबली कंटेनर सप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार इंदौर नया (40/42) 16300 रुपये पर खुला था। और शनिवार शाम काबली कंटेनर 16600 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान काबली कंटेनर में मांग बनी रहने से +300 रुपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ।
काबुली के दाम में सप्ताह के दौरान हलकी कमजोरी दर्ज की गई। सामने नया काबुली सीजन को देखते हुए ऊपर में ग्राहकी थोड़ी धीमी हुई है। इस वर्ष देश में काबुली की बौआई काफी अच्छी (लगभग गभग 50% अधिक) हुई है।
मध्य प्रदेश काबुली चना फसल
जैसे कि सभी को पता है बिजाई से कटाई तक का काबुली चना 110 दिन का समय लेता है, अतः 01 अक्टूबर के आस पास बिजाई की फसल 20 जनवरी तक आ जानी चाहिए, परंतु बारिश और तेज़ ठण्ड होने के कारण फसल 10 से 15 दिन देरी से आएगी। 1 फरवरी से मध्यप्रदेश की मंडियो में छूट पुट आवक शुरू हो जाएगी।
मध्यप्रदेश में पिछले वर्ष के 2.30 लाख टन काबुली चने के उत्पादन के मुकाबले, इस वर्ष 3.50 लाख टन का उत्पादन होने की अनुमान है। अन्य राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र, तमिलनाडु) में भी लगभग 1 लाख टन के आसपास उत्पादन रहने का अंदेशा है।
2024 कुल उपलब्धताः 4.50 लाख टन आयात
2023 में काबुली फसल कमजोर और ऊंचा भाव रहने से आयात में १ लाख टन रहने की उम्मीद जो 2022 में मात्र 2,583 टन ही था। 2023 में भारत ने सबसे अधिक 60,000+ टन काबुली सूडान से आयात किय।
काबुली की घरेलु खपत लगभग 2.5 लाख टन और निर्यात 1.25-1.50 लाख टन के आसपास रहता है, यानी की कुल खपत लगभग 4 लाख टन रहने का अनुमान है।
2024 के लिए काबुली का सप्लाई मांग की पूर्ति के अनुसार पर्याप्त नजर आ रहा और भविष्य की तेजी-मंदी निर्यात पर निर्भर करेगी। भारत का निर्यात में मेक्सिको सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी देश है और अब उसकी फसल पर काफी कुछ निर्भर करेगा।
काबुली में बेहतर फसल को देखते हुए वर्तमान भाव से कमजोरी की आशंका बढ़ रही है इसलिए काबुली में सिमित कारोबार करना बेहतर।
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