गंगानगर/ हनुमानगढ़ गेहूं की सरकारी खरीद होगी ऑफलाइन, पोर्टल में गड़बड़ी के चलते लिया फैसला

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श्री गंगानगर/ हनुमानगढ़ : जिलों में भारतीय खाद्य निगम (FCI) पहली बार ऑनलाइन गेहूं की खरीद कर रहा है, लेकिन ऑनलाइन पोर्टल का सर्वर डाउन होने से किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा गेहूं की ऑनलाइन खरीद का निर्णय शुरुआती दौर में ही पिट गया। इसके विकल्प के तौर पर एफसीआइ ने फिलहाल ऑफलाइन गेहूं खरीद का निर्णय लिया है। श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले में 51 खरीद केंद्रों पर 13 लाख 24 मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दोनों जिले की कई मंडियों में खरीद शुरू भी हो चुकी है। गौरतलब है कि व्यापारी और किसान संगठनों ने व्यावहारिक दिक्कतों का हवाला देते हुए शुरू से ही ऑनलाइन खरीद का विरोध कर रहे थे।

गंगानगर हनुमानगढ़ यह है गेहूं की खरीद प्रक्रिया

किसान को ई-मित्र से एफसीआई के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसके बाद किसान को टोकन मिलता है। टोकन के आधार पर किसान मंडी में गेहूं लाता है। इसके लिए किसान को गिरदावरी या जमाबंदी, बैंक पासबुक की कॉपी व स्वयं का घोषणा पत्र देना होगा। ठेके पर खेती करने वाले किसान को ठेकानामा पेश करना होगा।

किसानों को आ रही है यह समस्या

किसानों के मुताबिक 12 अप्रैल को एफसीआई ने कुछ मंडियों में गेहूं की ऑनलाइन खरीद शुरू की गई। शुरू से ही एफसीआई के पोर्टल का सर्वर डाउन है। इससे रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आ रही है। बारह अप्रेल के बाद पोर्टल की रफ्तार बहुत धीमी हो गई। वहीं, बार- बार सर्वर ठप भी हो जाता है। इससे किसान-व्यापारी वर्ग परेशान हैं। संपर्क करने पर एफसीआई अधिकारी जल्द सर्वर ठीक होने का महज आश्वासन ही दे रहे हैं।

ऑफलाइन विकल्प

ऑनलाइन खरीद में व्यवधान आने पर FCI ने इसके विकल्प के तौर पर एक बार फिर से ऑफलाइन गेहूं की खरीद का निर्णय किया है। एफसीआई अधिकारियों का कहना है कि जब पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू हो जाएगा, तब डाटा फीड कर दिया जाएगा।

“हनुमानगढ़ जंक्शन मंडी में गेहूं की सरकारी खरीद सुचारू रूप से नहीं हो पा रही। ऑनलाइन टोकन जारी नहीं हो रहे। किसान भटक रहे हैं। मंडियों में गेहूं का अंबार लगा हुआ है। प्यारेलाल बंसल, व्यापारी नेता, हनुमानगढ़”

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Web Title : Government purchase of Ganganagar / Hanumangarh wheat will be offline, decision taken due to malfunction in portal

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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