किसान इस ग्रुप से जुड़े Join Now

ई-सांता से बढ़ेगी किसानों की कमाई, जानिए e-SANTA क्या है और इसके लाभ

Jagat Pal

Google News

Follow Us

e-SANTA : वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार 13 अप्रैल को एक इलेक्ट्रॉनिक मार्केट प्लेस ई-सांता का उद्घाटन किया। e-SANTA एक इलेक्ट्रॉनिक बाजार है जो मछुआरों (aqua farmers) और खरीदारों को जोड़ने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। इस मौके पर पीयूष गोयल ने कहा कि ई-संता मछुआरों की आय, जीवन शैली, आत्मनिर्भरता, गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाएगा और मछुआरों के लिए नए विकल्प प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि यह ई-सांता मंच मौखिक रूप से किये जाने वाले व्यापार के पारंपरिक तरीके को बदल कर पहले से अधिक औपचारिक एवं कानूनी रूप से बाध्यकारी बना देगा। साथ ही ई-संता के जरिये बिचौलियों को खत्म करके किसानों और खरीदारों के बीच एक वैकल्पिक विपणन उपकरण के रूप में कार्य करेगा।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना

Key Highlights Of e-SANTA

  • E-SANTA पोर्टल मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा लॉन्च किया गया है।
  • E SANTA की फुल फॉर्म (अर्थ) : Electronic Solution For Augmenting NaCSA Farmers Trade In Aquaclture है ।
  • NaCSA का अर्थ National Centre For Sustainable Aquaculture.
  • MPEDA यानि मरीं प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथोरिटी की एक एक्सटेंशन आर्म है ।
  • NaCSA की स्थापना MPEDA द्वारा साल 2007 में की गई थी।
  • MPEDA का उद्देश्य मरीं उत्पादों के उद्योग को बढ़ावा देना है।
  • E SANTA एक इलेक्ट्रोनिक मार्केट प्लेस है।
  • यह जल कृषि (मछुआरों) करने वाले किसानों और सम्बन्धित उत्पादों के खरीददारों को कॉमन प्लेटफ़ॉर्म मुहैया करवाता है।
  • इससे व्यापार को परम्परागत तरीके के मुकाबले अधिक ओपचारिक बनाया जाएगा।
  • इसके जरिये मध्यस्थों की भूमिका में कमी आएगी।
  • e-SANTA मंच जो की हिन्दी, इंग्लिश, तमिल, तेलगु , बंगाली और उड़िया भाषाओं में उपलब्ध है, जो स्थानीय लोगों की मदद करेगा।

e-SANTA Portal के क्या लाभ है ?

e santa portal

ई-सांता aqua farmers की आय, उनकी जीवन शैली, आत्मनिर्भरता, गुणवत्ता स्तर और क्षमता को बढ़ाएगा, इसके द्वारा जलीय किसानों को व्यापर के नये विकल्प मिलेंगे , इसके अलावा अन्य लाभ निम्नलिखित रूप से होंगे:-

  • जोखिम कम करना
  • उत्पादों और बाजारों के बारे में जागरूकता
  • aqua farmers (जल कृषि करने वाले किसानों की आय में वृद्धि)
  • गलत कामों के खिलाफ रोक लगाना
  • प्रक्रियाओं में आसानी

बिचौलियों की भूमिका होगी खत्म

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आगे कहा कि eSaNta बाजार विभाजन को समाप्त करने के लिए एक डिजिटल ब्रिज है और यह बिचौलियों को खत्म करके किसानों एवं खरीदारों के बीच एक वैकल्पिक विपणन उपकरण के रूप में काम करेगा।

यह किसानों और निर्यातकों के बीच नकदीरहित, संपर्क सहित और पेपरलेस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड प्लेटफॉर्म प्रदान करके पारंपरिक जलीय कृषि में क्रांति लाएगा।

उन्होंने आगे कहा, “ई-सांता सामूहिक रूप से उत्पादों को खरीदने वाले, मछुआरों (Fisherman) एवं मत्स्य उत्पादक संगठनों को एक साथ लाने का एक माध्यम बन सकता है, और इससे भारत एवं विश्व के लोग ये जान सकते हैं कि क्या उपलब्ध है।

यह भविष्य में एक नीलामी मंच भी बन सकता है। ”यह मंच कई भाषाओं में उपलब्ध है, जो स्थानीय आबादी की मदद करेगा।

देश और विदेश में मछुआरों और खरीदारों के बीच एक सेतु के रूप में करेगा काम

पारंपरिक जलीय कृषि की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि किसानों को एकाधिकार एवं शोषण का सामना करना पड़ रहा है। वहीं निर्यातकों को खरीदे गए उत्पादों में असंगतता एवं गुणवत्ता की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पता लगाने की क्षमता एक बड़ा मुद्दा है।

उन्होंने आगे कहा कि ई-सांता वेबसाइट (https://esanta.gov.in) हमारे मछुआरों के जीवन स्तर में बदलाव लाएगी, उनके जीवन में व्यापक सुधार लाएगी और इसके साथ-साथ वैश्विक व्यापार में भारत की प्रतिष्ठा भी बढ़ाएगी। यह पोर्टल देश और विदेश में मछुआरों और खरीदारों के बीच एक सेतु के रूप में काम करेगा।

श्री गोयल ने इसे भारत के आत्मनिर्भर भारत मिशन के मुकुट में एक और पंख बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा। श्री गोयल ने आगे कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एनएसीएसए की पहल में भारत में जलीय उत्पादों के विपणन का नक्शा बदलने की क्षमता है।

पेपर लेस इलेक्ट्रॉनिक मंच ई-सांता से मिलेंगी ये लाभ

e-SANTA किसानों और निर्यातकों के बीच पूरी तरह से एकपेपरलेस एवं एंड-टू-एंड इलेक्ट्रॉनिक मंच है। इस पर किसानों को अपनी उपज को सूचीबद्ध करने और उनकी कीमत को तय करने की आजादी है। वहीं निर्यातकों को अपनी आवश्यकताओं को सूचीबद्ध करने और अपनी आवश्यवकताओं जैसे: वांछित आकार, स्थान और फसल कटाई की तारीख आदि के आधार पर उत्पादों को चुनने की स्वतंत्रता है।

यह किसानों और खरीदारों को व्यापार पर अधिक नियंत्रण रखने एवं सूचनाओं पर आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। यह मंच प्रत्येक उत्पाद सूची का विस्तृत विवरण प्रदान करता है। वहीं फसल सूचीकरण और ऑनलाइन बातचीत के बाद जब सौदा तय होता है तो अग्रिम भुगतान किया जाता है और एक अनुमानित चालान बनता है।

इसके बाद जब फसल कटाई की तारीख तय हो जाती है तो खरीदार खेत में जाता है और उसकी उपस्थिति में फसल की कटाई होती है। वहीं जब फसल की कटाई पूरी हो जाती है तो अंतिम गणना, सामग्री की मात्रा, अंतिम रकम तय की जाती है और वितरण चालान जारी किया जाता है। इसके बाद जब एक बार सामग्री प्रसंस्करण संयंत्र पहुंच जाता है तो अंतिम चालान बनता है और निर्यातक शेष रकम का भुगतान करता है। यह भुगतान एस्क्रौ अकाउंट में दिखाई देता है। एनएसीएसए इसे सत्यापित करता है और इसके अनुसार किसानों को भुगतान जारी करता है।

जानकारी स्रोत- पीआईबी

FAQ

ईसांता (e-SANTA) क्या है ?

e-SANTA एक इलेक्ट्रॉनिक बाजार है जो मछुआरों (aqua farmers) और खरीदारों को जोड़ने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा ।

ई-सांता योजना की वेबसाइट क्या है ?

ई-सांता योजना की ऑफिसियल वेबसाइट https://esanta.gov.in है।

ई-सांता (e-SANTA) की शुरुआत कब और किसके द्वारा की गई ?

केंद्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के द्वारा 13 अप्रैल 2021 को ई-सांता (e-santa) की शुरुआत की गई ।

What is e-Santa Full Form Or Meaning ?

The term eSANTA was coined for the web portal, Meaning “Electronic Solution for Augmenting NaCSA farmers’ Trade in Aquaculture.

What is Benefits of e-SANTA Portal ?

e-SANTA will RAISE the lives & income of farmers by:
1. Reducing Risk.
2. Awareness of Products & Markets.
3. Increase in Income.
4. Shielding Against Wrong Practice.
5. Ease of Processes.

Conclusion

दोस्तों इस लेख में हमने आपको हाल ही में केंद्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुरू किये गये  ई सांता योजना (e-SANTA Portal) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। उम्मीद करते है की यह जानकारी आपके लिए लाभदायक रही है और eSANTA Scheme से जुड़े सभी सवालों के जवाब आपको इस पोस्ट में मिल गये होंगे। धन्यवाद

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

Leave a Comment