नई दिल्ली : बीते सप्ताह की शुरुआत यानि सोमवार को दिल्ली गेहूँ भाव 2430 रुपये पर खुला था जो शनिवार शाम दिल्ली गेहूँ 2455 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान गेहूँ मे मांग बनी रहने से +25 रुपए प्रति कुंटल तेज़ी दर्ज की गई । गेहूं में निर्यात प्रतिबन्ध चालू वर्ष में जारी रहेगा।
उत्तरप्रदेश और बिहार में गेहूं का स्टॉक पोजीशन चिंताजनक स्थिति में ही है। अधिकांश मिलर्स के पास 15-20 दिन से जयादा का माल नहीं है। और किसान अभी गेहूं रोकने में सक्षम है। इन सभी स्थिति का आकलन करे तो बाजार जून में दुबारा तेजी दौड़ लगाएगा।
भारत में गेहूं खरीद अनुमान से 20% कम होने की सम्भावना देश के अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर गेहूं की गति विधि बढ़ी है। बिहार में सरकार को गेहूं न मिलने का यह भी एक प्रमुख कारण है। उत्तरप्रदेश के वाराणसी में हफ्ते के शुरुवात में भाव 2400 रहे वहीं हफ्ते के आखिरी 2450 दर्ज किये गये।
मध्यप्रदेश के डबरा में हफ्ते के शुरुवात में भाव 2300 और वहीं हफ्ते के आखिरी दिन भी घट बढ़ कर 2300 पर आकर ही थमे। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भाव 2610 से शुरू होकर सप्ताह के आखिरी में 2670 पर कर रहे थे ।
अडानी विल्मर ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह अपने ब्रांड फार्च्यून के साथ संपूर्ण गेहूं श्रेणी में प्रवेश करेगी कंपनी शरबती, पूर्ण 1544, लोकवन ग्रेड 1 गेहूं का बीज उपलब्ध कराएगी।
मुक्तसर जिला मंडी अधिकारी गौरव गर्ग ने कहा पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं की आवक करीब 22 फीसदी बढ़ी है। दिल्ली गेहूं जून में 2600 तक बिकेगा ऐसा अनुमान है। जून में मॉनसून सामान्य से कमजोर रहने की सम्भावना है। सरकार ने उत्पादन अनुमान में बढ़ोत्तरी की है। और जमीनी हकीकत इससे अलग है। पिछले हफ्ते गेहूं की कीमतों में 2.5% की बढ़ोतरी हुई क्योंकि FCI की खरीद में कमी आई है।
सप्ताह के आखिरी में कुछ मंडियों के गेहूं के दाम (Wheat Price) में दिखी गिरावट, किन्तु रोलर्स फ्लौर ऑफ़ दिल्ली और अन्य फ्लौर मिलर्स के भाव में नहीं आयी कोई कमजोरी हैदराबाद सहित देश के अधिकांश फ्लौर मिलर्स के भाव रहे मजबूत आटा और मैदा के कीमतों में अच्छी तेजी आयी और वहीं चोकर के दामों में गिरावट दर्ज की जा रही है।
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