Wheat Weekly Report 28 August: पिछले सप्ताह सोमवार को दिल्ली गेहूँ 2540/45 रुपये पर खुला था जो शनिवार शाम दिल्ली गेहूँ-2515 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान गेहूँ मे मांग कमजोर रहने से -30 रुपए प्रति कुंटल की गिरावट दर्ज की गई।
बीते सप्ताह दिल्ली लाइन में आवक कुल 35,000 क्विंटल की रही। पिछले सप्ताह के मुकाबले 5,000 क्विंटल से बढ़ी आवक। इस सप्ताह दिल्ली लाइन में भाव 45 रुपए से कमजोर हुए दिल्ली लाइन 2480 के निचे कमजोर होगा, जब तक बाजार इसके ऊपर है तब स्थिति मजबूत ही समझो गेहूं का अलगा टेंडर 30 अगस्त को रखा गया है। गेंहू बाजार की स्थिति अब भी मजबूत की और ही इशारा कर रही है। गेंहू का फंडामेंटल मजबूत।
जानकारों की राय है की अगर किसानो के हाथ में गेहूं है तो सितंबर के आखिरी तक निकल जाना चाहिए, यदि सितम्बर में भी गेहूं की आवक नहीं बढ़ी तो सरकार कुछ भी करले बढ़ते भावो को रोकने में असफल रहेगी।
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अब गेहूं आयत की संभावना न के बराबर ही लग रही है। आने वाले दिनों में त्योहारी सीजन के कारण मैदा और सूजी की डिमांड बनी रह सकती है , और उनके भावो में भी कुछ और बढ़त देखने को मिल सकती है।
(FCI TENDER INFO)
10वें टेंडर में होने वाले टेंडर बिक्री की जानकारी
FAQ: 34,330
URS: 1,67,470
TOTAL:2,01,800
FCI ने नव्वे टेंडर में कुल 1.54 लाख टन गेहूं बेचा है।
गेहूं का आयात (WHEAT IMPORT)
सरकार ने G TO G माध्यम से गेहूं की आयात को लेकर मना कर दिया है और यह भी कहा की आयत की जरुरत नहीं पड़ेगी। पर अब भी प्राइवेट प्लेयर्स गेहूं आयत करने की डिमांड सरकार से कर रहे हैं। यदि गेहूं आयत होता है तो इसकी खपत साउथ लाइन की बाज़ारो में ज्यादा रहेगी।
(STOCK UPDATION)
हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की जानकारी सरकार को जरूर दे । FCI के सेंट्रल पूल में 273 लाख टन गेहूं बचा है।
(NEWS) राजस्थान में अगले महीने राशन का गेंहू मिलना मुश्किल
राजस्थान में लगभग 12 लाख परिवारों के लगभग 52 लाख व्यक्तियों को अगले महीने सब्सिडी वाले गेहूं राशन तक पहुंचने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य के लिए किए जाने वाले मासिक आवंटन में से लगभग 26,000 मीट्रिक टन गेहूं की कटौती के कारन यह स्थिति उत्पन हुई है।
(ARRIVAL INFO)
अगस्त का महीना खतम होने सिर्फ 4 दिन शेष बचे है और मंडियों में अर्रिवाल का प्रेशर अब तक नहीं बना जो की आने वाले दिनों में समस्या पैदा कर सकता है सरकारी अधिकारियो का यह मानना है की गेहूं बड़ी सांख्य में किसानो के हाथ में है। बारिश की कारण भी मंडियों में अरिवाल कम है।
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(WEATHER REPORT)
देश में कुल 715 जिलों में 37% से अधिक जिलों में सामान्य से कम बारिश।
(MILL RATE)
साउथ लाइन और महाराष्ट्र लाइन के मिलो के भाव पुनः अपने उच्तम स्तर पर पहुंचने वाले है।
डिस्क्लेमर:
Wheat Price Report: कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश केवल किसानों तक जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।