मध्य प्रदेश के कपास व्यापारियों (Cotton traders) ने सरकार से मंडी शुल्क (mandi fee) में कटौती की मांग की है , यदि सरकार व्यापारियों की इन मांग को नहीं मानती है तो राज्य के व्यापारियों ने 11 अक्टूबर से अनिश्चित हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है । व्यापारियों ने बताया की एक साल पहले मंडी शुल्क 50 पैसे सैकड़ा था, जिसे बढ़ाकर सरकार ने 1.50 रुपए कर दिया। इससे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। व्यापारियों के मुताबिक पड़ोसी राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र में मंडी शुल्क कम है, जिस कारण राज्य के किसान इन राज्यों की मंडियों में कपास बेच रहे हैं।
11 अक्टूबर तक मांग पूरी नहीं हुई तो करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल
इसके विरोध में व्यापारियों ने 3 अक्टूबर को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की थी। कॉटन ट्रेडर्स एंड जिनर्स एसोसिएशन, धामनोद के अध्यक्ष गुरदीपसिंह छाबड़ा ने बताया कि मंडी शुल्क कम कराने के लिए 3 अक्टूबर को मंडी में सांकेतिक हड़ताल की गई थी, परंतु शासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। धामनोद कॉटन एसोसिएशन ने निर्णय लिया है की मंडी टेक्स कम नही किया गया तो 11 अक्टूबर से मंडी की अनिश्चित कालीन हड़ताल की जायेगी, तथा मंडी का कोई भी व्यापारी कपास खरीद नहीं करेगा।
उधर खरगोन मंडी के कपास खरीददारो ने भी मीटिंग मैं सर्वसम्मति से सभी सदस्य ने एसोसिएशन के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। मंडी व्यापारी संघ, अंजड के अध्यक्ष जुगल किशोर पाटनी ने बताया कि मंडी शुल्क कम करने के लिए 3 अक्टूबर को मंडी की सांकेतिक हड़ताल की गई थी, परंतु शासन की ओर से कोई ध्यान नही दिया गया। अत: अंजड मंडी एसोसिएशन ने निर्णय लिया है की मंडी टेक्स कम नही किया गया तो 11 अक्टूबर से मंडी में अनिश्चित कालीन हड़ताल की जायेगी, और कपास की खरीद, बिक्री नहीं होगी।
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