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बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसल के लिए नियुक्त किए जाएंगे क्षतिपूर्ति सहायक, जल्द मिलेगा किसानों को इतना मुआवजा

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इस बार किसानों को मार्च एवं अप्रैल महीने में मौसम परिवर्तन के कारण रबी फसलों को हुए नुकसान का जल्द आंकलन किया जा सके इसके लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी के आदेश जारी किए है। जिसके लिए सरकार ने क्षतिपूर्ति सहायक नियुक्त करने का निर्णय लिया है। जिससे गिरदावरी प्रक्रिया को तेज किया जा सके। क्षतिपूर्ति सहायक को वेरिफिकेशन के लिए 500 एकड़ का ब्लॉक दिया जाएगा।

क्षतिपूर्ति सहायक पटवारी के साथ मिलकर खराब हुई फसल की फोटो, लोकेशन और टाइम स्टांप लगाने का काम करेगा। इन क्षतिपूर्ति-सहायकों की नियुक्ति केवल इस गिरदावरी के लिए की जाएगी। इन क्षतिपूर्ति सहायकों को 500 एकड़ के ब्लॉक की गिरदावरी करने पर 5,000 रुपए दिए जाएंगे।

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किसानों को फसल नुकसान का इतना मिलेगा मुआवजा

हरियाणा सरकार ने बारिश-ओलावृष्टि से खराब हुई फसल की मुआवजा राशि तय कर दी है। किसानों की 75% खराब फसल का सरकार की ओर से 15,000 रुपए मुआवजा राशि दी जाएगी।

इसके अलावा 25 से 50% फसल खराब होने पर 9000 रुपए प्रति एकड़ की मुआवजा राशि दी जाएगी। 51 से 75 % फसल खराब होने पर किसानों को 12,000 रुपए प्रति एकड़ सरकार मुआवजा देगी।

किसानों को कब मिलेगी फसल नुकसान की राशि

हरियाणा सरकार ने बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी कराने का फैसला लिया है। साथ ही सरकार की तरफ से मई महीने तक किसानों को खराब हुई फसल का मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश सरकार किसानों को अविलंब राहत देना चाहती है, इसी के चलते फसलों को हुए नुकसान के जल्द आकलन के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

इस संबंध में उपायुक्तों को पारदर्शी तरीके से अविलंब क्षतिपूर्ति सहायक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं।

बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुआ इतना नुकसान

डिप्टी सीएम ने बताया कि हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से अब तक 16.83 लाख एकड़ फसल मुआवजे की जानकारी मिली है।

सरकार की ओर से 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की जा चुकी है।

अब तक मंडियों में एक लाख 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं पहुंचा है, जिसकी खरीद की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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