कमोडिटी बाजार भाव तेजी मंदी रिपोर्ट 3 अगस्त 2023: देश विदेश में गेहूं, सरसों, सोयाबीन, देशी चना, मक्का, मसूर, मूंग, उड़द और तुवर में तेजी मंदी और आने वाले दिनों में क्या रह सकती है बाजार कि चाल? आइये देखें ये रिपोर्ट
गेहूं बाजार भाव रिपोर्ट
गेहूं की आवक यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार सभी उत्पादक मंडियों में पहले की अपेक्षा घट गई हैं। लेकिन सरकारी गेहूं की बिक्री से दक्षिण भारत की चौतरफा लिवाली घट जाने से हाल ही में 20/30 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई है, जिसके चलते बाजार यहां भी नरमी के बाद ठहर गए हैं।
अब स्टॉकिस्ट भी माल बेचना चाहता है, क्योंकि सरकार अपना माल ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के माध्यम से बेच रही है तथा 2250/2270 रुपए में कच्ची मंडियों के कारोबारियों के माल बिक रहे हैं, जिससे उत्पादक मंडियों में आपूर्ति सुधर गई है। अत: बाजार एक बार घट सकता है।
पिछले सप्ताह तक केंद्रीय पूल में 262 लाख मैट्रिक टन की खरीद हुई है, जबकि सरकार का खरीद लक्ष्य 341.50 लाख मैट्रिक टन का है। लॉरेंस रोड पर भी गेहूं के भाव 2440/2450 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं।
सरसों बाजार भाव रिपोर्ट
तेल मिलों की मांग निकलने तथा बिकवाली घटने से लारेंस रोड पर सरसों के भाव 50 रुपए बढ़कर 5700/5750 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूत रहे। नजफगढ़ मंडी में सरसों के भाव लूज 5150/5250 रुपए प्रति कुंटल बोले गए।
आगरा में इसके भाव 6325 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 4.50 लाख बोरी के लगभग की रही। आने वाले दिनों में इसमें गिरावट की उम्मीद कम लग रही है।
सोयाबीन बाजार भाव रिपोर्ट
घटी हुई कीमत पर भी सोयाबीन की बिक्री सुस्त ही बनी हुई है। यही वजह है कि जलगांव में सोयाबीन 5300 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वबंद स्तर पर ही अपरिवर्तित बना रहा। हाल ही में इसमें इतनी ही मंदी आई थी।
निवेशकों की नाममात्र लिवाली से शिकागो के सक्रिय तिमाही सोया तेल वायदा में मामूली 4 सेंट प्रति पौंड का सुधार होने जबकि केएलसीई के सक्रिय तिमाही सीपीओ वायदा में 27 रिंगिट प्रति टन की मंदी की जानकारी मिली। इससे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। आगामी एक-दो दिनों में हाजिर में सोयाबीन में तेजी का अनुमान नहीं हैं।
देसी चना बाजार भाव रिपोर्ट
हालांकि एमपी, राजस्थान एवं महाराष्ट्र की उत्पादक मंडियों में देसी चने की आवक ज्यादा नहीं है। पिछले दिनों की बढ़त में व्यापारी दहशत से बिकवाली में आ गए हैं, जिससे चारों तरफ तेजी के बाद बाजार रुक गया है, लेकिन मंडियों से यहां के पड़ते नहीं लग रहे हैं तथा दाल मिलों में माल नहीं है, इसे देखते हुए बाजार शीघ्र 200 रु बढ़ने की धारणा व्यक्त की जा रही है। राजस्थानी चना लॉरेंस रोड पर 5350/5360 रुपए प्रति क्विंटल रह गया है। एमपी से भी जो हल्के चने कम आ रहे हैं।
मक्का बाजार भाव रिपोर्ट
मक्की का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर होने से बिहार की मंडियों में भाव लुढ़ककर पानी-पानी हो गए थे तथा उत्पादक मंडियों के किसान मंडियों में माल की आवक घटा दिए हैं, जिसके चलते 25/30 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़त पर मंडियों में 2050/2070 रुपए प्रति क्विंटल भाव हो गए हैं। तथा रैक पॉइंट पर भी जो माल 2075/2080 रु में आ रहा था। वास्तविकता यह है कि मक्की सभी खाद्यान्नों से नीचे भाव पर आ गई है, जिससे इसमें रिस्क नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे भाव होने से निर्यात की भी संभावना प्रबल हो गई है, इसे देखते हुए निकट भविष्य में 50/80 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है।
मसूर बाजार भाव रिपोर्ट
मसूर का स्टॉक पाइप लाइन में ज्यादा नहीं है तथा मंडियों में आपूर्ति भी घट गई है, जिसके चलते सरकार की सख्ती के बावजूद भी पिछले 2 दिनों से 6050 रुपए प्रति क्विंटल विल्टी में मसूर यहां ठहरी हुई है। कनाडा के हल्के माल 20/30 बढ़ाकर आयातक यहां बोल रहे हैं, जिससे भाव में मंदे वाली बात नहीं है तथा आगे चलकर मसूर के भाव बढ़ जाएंगे।
यूपी एवं बिहार में छोटी मसूर की आवक टूटने लगी है, जबकि फसल आए अभी 5 महीने हुए हैं। कनाडा में भी ज्यादा घटाकर बिकवाल नहीं है।
मूंग बाजार भाव रिपोर्ट
हालांकि मूंग का पुराना स्टाक पाइप लाइन में ज्यादा नहीं है, कानपुर लाइन की यूपी मूंग जब भी 8000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिक रही थी, जो ग्राहकी के अभाव में 7700/7800 रुपए प्रति क्विंटल बोलने लगे हैं, इसी अनुपात में प्रयागराज लाइन की भी नरम बोल रहे हैं।
मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के नए पुराने माल भी नरम है। प्रांतीय फसलों के उत्पादन एवं क्वालिटी के साथ-साथ मंडियों में आ रहे हैं। अतः ज्यादा तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए। पिछले दिनों के दो लाख मैट्रिक टन मध्य प्रदेश सरकार के टेंडर और आने वाला है। उधर मध्यप्रदेश, यूपी, बिहार, झारखंड के माल भी लगातार लोडिंग में हैं। अतः लंबी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए।
उड़द बाजार भाव रिपोर्ट
पिछले दिनों उड़द पर स्टॉक सीमा लगाए जाने से चलती तेजी को विराम जरूर लग गया है, लेकिन मंडियों में माल नहीं है तथा दाल मिलों के पास भी स्टॉक नहीं है। आने वाला माल ऊंचे पड़ते का मिल रहा है, इन परिस्थितियों को देखते हुए उड़द में थोड़ा ठहर कर फिर उछाल आ जाएगा। फिलहाल उड़द की शॉर्टेज घरेलू बाजारों में बन गई है। यही कारण है कि 8870 रुपए प्रति क्विंटल एसक्यू के भाव बोल रहे हैं तथा एफएक्यू के भाव 8300 रुपए चल रहे हैं।
तुवर बाजार भाव रिपोर्ट
तुवर पर स्टॉक सीमा लगा दिए जाने से स्टॉकिस्ट माल नहीं ले रहे हैं, केवल अगस्त-सितंबर डिलीवरी के सौदे सट्टे में हो रहे हैं। तुवर में भी सरकार द्वारा घरेलू व्यापारियों से बैठकें की जा रही है तथा उन्हें बाजार में सप्लाई बना बनाए रखने हेतु सरकार ने निर्देश दिया है, इन परिस्थितियों में एक बार तेजी तो रुक जाएगी, लेकिन माल की शॉर्टेज होते ही बाजार पुन: उछल जाएंगे।
घरेलू माल मंडियों में बिल्कुल नहीं है, रंगूनी माल भी स्टाक में ज्यादा नहीं है तथा आयात महंगा के साथ-साथ धीरे-धीरे माल उतर रहे हैं, जिससे जड़ में मंदा नहीं है। सरकार की सूझबूझ से कारोबारी बिकवाली भी कर रहे हैं जिससे 10450 रुपए लेमन रह गयी थी। अब दाल मिलों की मांग कमजोर से 10250 रुपए प्रति क्विंटल नीचे में आने के बाद ठहर गई है। बंदरगाह वाली मंडियों में माल की स्थिति को देखते हुए 300/400 रुपए बढ़ने के आसार बन गए हैं।
डिस्क्लेमर:
कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश किसानों तक केवल जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। मांग और उत्पादन के अनुसार क़ीमतों में बदलाव संभव है।