ताज़ा खबरें:

साप्ताहिक समीक्षा: चना मूंग उड़द तुवर में रही गिरावट! कैसा रहेगा आगे का बाजार, देखें ताजा रिपोर्ट

Jagat Pal

Google News

Follow Us

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

चना साप्ताहिक रिपोर्ट 11 दिसम्बर: बीते हफ्ते यानी 4 से 9 दिसंबर के कारोबारी सप्ताह के दौरान सोमवार को दिल्ली राजस्थान लाइन नया 6325/50 रुपये पर खुला था। जो शनिवार शाम चना 6100/25 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग नही रहने से -225 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। चना में लगातार तीसरे सप्ताह कमजोरी का रुख देखने को मिल रहा है।

OTR का सस्ता चना, नाफेड द्वारा कम भाव में बिक्री और चना दाल में सुस्त मांग ने चना में गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाया है। इस बीच भारत सरकार ने मटर आयात 31 मार्च 2024 तक पूरी तरह खोलने के निर्णय ने आग में घी का काम किया है। मटर आयात खोलने के समाचार के बाद तो बाजार से खरीददार गायब ही हो गया।

अंतराष्ट्रीय बाजार से सस्ते मटर की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद से चना पर काफी दबाव देखा जा रहा है। कमजोर बोआई और सिमित स्टॉक के बावजूद चना में सेंटीमेंट ख़राब हुआ है।

कृषि विभाग के अनुसार देश में चना बोआई 10% कमजोर है। लेकिन सूत्रों की माने तो चना की बोआई 20-25% कमजोर रहने का अनुमान है। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बोआई काफी कमजोर होने की रिपोर्ट है। चना की बिजाई मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ही थोड़ी बेहतर है।

चना में क्या करें?

नाफेड के पास बेचने योग्य चना कम है लेकिन अब चना में लेवाल काफी कमजोर। मटर आयात यदि 31 मार्च 2024 के बाद आगे बढ़ा तो चना में कमजोरी बढ़ेगी। अब व्यापारियों को नाफेड टेंडर ही नहीं मटर बाजार/आयात पर भी नजर रखनी होगी।

इसे भी पढ़े – सरसों साप्ताहिक समीक्षा: दिसंबर में मांग कमजोर रहने से सरसों मामूली गिरावट, देखें तेजी-मंदी की रिपोर्ट

मुख्य बिन्दु

मूँग साप्ताहिक रिपोर्ट

कृषि व्यापार मूँग साप्ताहिक रिपोर्ट 4 से 9 दिसंबर : पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन-7500/8500 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम -8400 रूपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान मूंग में मांग न रहने से -100 रुपए प्रति कुंतल की कमजोरी रही।

अन्य दलहन में मंदी का असर मूंग बाजार पर भी नजर आ रहा है। कमजोर आवक के बावजूद मूंग और मूंग उत्पाद में मांग काफी सुस्त है। देश में मूंग का स्टॉक (राजस्थान को छोड़कर) अन्य राज्यों में काफी कमजोर है।

कमजोर स्टॉक के सामने नीरस मांग के कारण मूंग में तेजी नहीं। इस बीच हाल में मिंट समाचार पत्र के अनुसार सरकार के पास बफर में 5 लाख टन मूंग स्टॉक है। नवंबर अंत में खबर थी की सरकार बफर स्टॉक में से 30,000 टन मूंग कम भाव पर बाजार में बेचेगी।

मूंग का फंडामेंटल मजबूत है लेकिन बाजार मांग पर चलते जो अभी कमजोर है। ई मंडी रेट्स द्वारा मूंग में अभी सिमित कारोबार की सलाह जारी रहेगी।

उड़द साप्ताहिक रिपोर्ट

कृषि व्यापार उड़द साप्ताहिक रिपोर्ट 4 से 9 दिसंबर : पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू-9700 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 9350 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान उड़द में मांग कमजोर रहने से -350 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ। बिकवाली बढ़ने और सुस्त मांग के कारण उड़द में रही कमजोर। उड़द के दाम में जारी कमजोरी के कारण दालों में ग्राहकी फीकी है।

बर्मा के व्यापार के लिए करेंसी NITI में कुछ बदलाव के कारण भी FOB में बिकवाली बढ़ी। घरेलू उड़द स्टॉक कमजोर है, खासकर SQ क्वालिटी की अधिक कमी है। आंध्र प्रदेश में भारी बारिश से उड़द की फसल और बोआई प्रभावित।

आंध्र प्रदेश में एक छोटी फसल दिसंबर; जबकि बड़ी फसल मार्च में आती है। चक्रवाती तूफ़ान के कारण उड़द की फसल को कुछ क्षेत्रों में का कुछ नुकसान हुआ है। जबकि कई क्षेत्रों में बोआई पर असर पड़ा है। कृष्णा जिले में उड़द की फिर से बोआई हो रही। चक्रवाती तूफ़ान के समाचार से किसानो ने बोआई रोक या धीमी दी थी। आंध्र प्रदेश में अब तक बोआई 10% घटकर 70,000 हेक्टेयर में हुई है।

बर्मा अपडेट

बर्मा में उड़द के दाम 50 डॉलर प्रति टन कमजोर रहे। जानकारी के अनुसार बर्मा में अभी भी पर्याप्त उड़द स्टॉक है। इस बीच बर्मा में अगला उड़द फसल बेहतर 7-8 लाख टन का अनुमान।

पोंगल की मांग से उम्मीद जनवरी में दक्षिण भारत का सबसे बड़ा त्यौहार पोंगल है।पोंगल त्यौहार की मांग निकलने की उम्मीद जरूर है। उड़द में कमजोरी के कारण मिलर्स ने हाल फिलहाल उड़द काफी कम खरीदी है।

इसे भी पढ़े – सोयाबीन साप्ताहिक तेजी-मंदी: सीमित मांग के चलते पूरे हफ्ते सोयाबीन में रही उठापठक, देखें ताजा रिपोर्ट

टेक्निकल उड़द (SQ) को 9300 का सपोर्ट जिसके बाद 9050 पर सपोर्ट जबकि उड़द में तेजी की चाल 9800 का रेजिस्टेंस टूटने पर ही संभव देश में उड़द कम होने के बावजूद बर्मा से बिकवाली जारी है। उड़द में एक तेजी अगले एक-दो सप्ताह में आ सकती है, लेकिन ऊपर मुनाफावसूली करना बेहतर जब तक चेन्नई उड़द 9800 के ऊपर बंद नहीं होता टिकाऊ तेजी मुश्किल लगती। फिलहाल जब तक बाजार स्थिर नहीं होता जोखिम अनुसार सिमित कारोबार करना बेहतर।

तुवर साप्ताहिक रिपोर्ट

कृषि व्यापार तुवर साप्ताहिक रिपोर्ट 4 से 9 दिसंबर पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 10750 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 10650 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान अकोला तुवर दाल मे मांग नही रहने से -100 रूपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ, तुवर बाजार में कमजोरी का रुख जारी रहा।

देशी तुवर के साथ साथ लेमन और अफ्रीका तुवर में रही गिरावट देशी (अकोला बिल्टी) तुवर 500 रुपये, लेमन तुवर 550 रुपये और अफ्रीका (गजरी) 450 रुपये रहा कमजोर, कमजोर स्टॉक के बावजूद तुवर में पिछले दो माह से डिमांड एकदम नीरस बना हुआ है।

तुवर में गिरावट का सबसे बड़ा कारण लेमन तुवर का सट्टा है कोई बड़ा स्टॉक नहीं होने के बाद भी हर भाव में बिकवाली है। तुवर में लगातार कमजोरी को देखते हुए डिलीवरी उठाने में लोग हिचक रहे जिससे दबाव बढ़ गया।

तुवर में गिरावट अभी रह सकती है जारी

तुवर में गिरावट जारी रहने का सबसे बड़ा कारण फॉरवर्ड लेमन कम भाव में मिलना। फरवरी-मार्च शिपमेंट के दाम 9400 बोलकर बेचा जा रहा है। ऊपर भाव में मिलर्स की खरीदी कम रहेगी इसलिए भी भाव में गिरावट की संभावना।

सरकार हर तरह से प्रयास करेगी की दालों के भाव काबू में रहे। अकोला बिल्टी तुवर अभी 10400 है और वह 8500-9000 की रेंज में स्थिर होने की उम्मीद है। हालांकि तुवर का पाइपलाइन खाली है और थोड़ी भी मांग निकली तो 200-400 बढ़ने में समय नहीं लगेगा। लेकिन भाव में जब तक स्थिरता नहीं आती इंतज़ार या सिमित खरीदी करना बेहतर।

कमजोर बोआई, मौसम में उतार-चढ़ाव के बावजूद तुवर उत्पादन 10- 15% बढ़ने की उम्मीद। लेकिन इस वर्ष कैरी ओवर स्टॉक नहीं होने से सप्लाई-डिमांड पिछले सीजन जैसा ही रहेगा।

तुवर सप्लाई 2023 कैरी ओवर स्टॉक (4.8 लाख टन)+उत्पादन (24.58 लाख टन)+ आयात (9 लाख टन) = 38.38 लाख टन

2024 कैरी ओवर स्टॉक (50,000 टन) +उत्पादन (27.89 लाख टन) + आयात (9 लाख टन) = 37.39 लाख टन।

ई मंडी रेट्स का मानना है की 2024 में तुवर की खपत मांग 38- 40 लाख टन रह सकती है। तुवर दाल के ऊँचे भाव के कारण 3-4 लाख टन अन्य दलहन में शिफ्ट होने का अनुमान है।

डिस्क्लेमर : उपरोक्त बाजार भाव रिपोर्ट व्यापारियों व अन्य मिडिया स्त्रोत से एकत्रित आकड़ों के आधार पर प्रकाशित की गई है, कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार करने से पहले मंडी समिति से प्राइस की पुष्टि अवश्य कर ले। कीमतों में बदलाव संभव है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। व्यापार खुद के विवेक से करें।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

Leave a Comment

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now