Wheat Procurement: देश में इस बार मार्च माह में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी-तूफान से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए योगी सरकार की तरफ़ से राहत भरी खबर निकल कर सामने आ रही है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में सरकार ने किसानों के हिट में टूटे-फूटे और सिकुड़े गेहूं को खरीदने का फैसला लिया है। हालांकि, गेहूं के दाने 18 फीसदी से ज्यादा टूटे और सिकुड़े नहीं होने चाहिए।
जानकारी के लिए आपको बता दे की इससे पहले सरकार 6% से ज्यादा टूटे-फूटे और सिकुड़े दानों की ख़रीद नहीं कर रही थी। इस साल सरकार ने इस मानक को बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है।
फिलहाल, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यूपी के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से भी सहमति मिल गई है। उत्तर प्रदेश में इस फैसले को तुरंत लागू भी कर दिया गया है।
गेहूं की कीमतों में इतनी होगी कटौती
प्रदेश में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। सरकार के आदेश के मुताबिक टूटे व सिकुड़े होने पर मूल्य में कटौती इस प्रकार की जाएगी।
गेहूं की क्वालिटी | मूल्य में कटौती |
6 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर | कोई कटौती नहीं होगी |
6-8 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर | 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती |
8-10 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर | 10.62 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती |
10-12 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर | 15.93 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती |
12-14 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर | 21.25 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती |
14-16 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर | 26.56 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती |
16-18 प्रतिशत | 31.87 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती |
कम चमक वाले गेहूं को भी खरीदेगी सरकार
सरकार द्वारा 18 प्रतिशत से अधिक टूटन व सिकुड़न होने पर गेहूं नहीं खरीदा जाएगा। इसके अलावा गेहूं के दानों की चमक अगर 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक कम है तो दाम में प्रति क्विंटल 5.31 रुपये की दर से कटौती होगी। 10 प्रतिशत तक कम चमक वाले गेहूं की कीमतों में कटौती नहीं की जाएगी।