किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने खत्म किये पंजाब में धरने, जानें क्या है पूरा मामला

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किसान मजदूर संघर्ष कमेटी यानि कि Kisan Mazdoor Sangharsh Committee (KMSC) ने अपने सारे धरने ख़त्म कर दिए हैं। पिछले साल नवंबर से KMSC ने पंजाब के विभिन्न जिलों के DC दफ्तरों को घेर रखा था। इसी के साथ दिसंबर से उन्होंने टोल प्लाजा भी बंद करवा दिए थे। किसान और मजदूरों के हित में इनकी कुछ मांगें हैं जिनको सरकार पूरा नहीं कर रही है।

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क्या है KMSC की मांगें ?

इनके मुद्दे ये हैं कि भारत माला योजना के तहत जो जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है उसके अंतर्गत लोगों को अपनी जमीन के उचित दाम मिले। पंजाब में भारतमाला योजना के अंतर्गत जमीन अधिग्रहण चल रहा है। इसलिए KMSC पिछले दो महीने से धरना प्रदर्शन कर रही है।

सबसे पहले इन्होने विभिन्न जिलों के DC दफ्तरों के आगे धरना प्रदर्शन किया। लेकिन करीब एक महीने बाद जब सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो राज्य के विभिन्न टोल प्लाजा भी बंद करने शुरू कर दिए। परन्तु अब कुछ दिन पहले टोल कंपनियां पुंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चली गयी। टोल कंपनियों ने गुहार लगाई की इस तरह से टोल बंद करने से उनको प्रतिदिन 1.33 करोड़ रूपए का नुकसान न हो रहा है। इस पर न्यायालय का फैसला टोल कंपनियों के हित में आया।

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अब आगे क्या होगा

इसी के चलते 15 जनवरी से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने अपने धरने ख़त्म कर दिए। इसी के साथ सरकार को अपनी मांगे पूरी करने का अल्टीमेटम भी दिया है। KMSC के महासचिव श्रवण सिंह पंधेर ने कहा कि हम धरने ख़त्म कर रहे हैं। सरकार हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। इसके साथ ये भी कहा की 26 जनवरी को जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जायेगा। साथ 29 जनवरी को पंजाब में विभिन्न स्थानों पर 2 घंटे के लिए रेल चलाया जायेगा। ये संघठन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य लड़ रहा है।

टोल प्लाजा के लिए KMSC का कहना है की सरकार टोल की दरें कम करे। जब सरकार टोल टैक्स ले रही है तो नए साधन की खरीद पर रोड टैक्स नहीं लेना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है और टोल कंपनियां फिर से कानून का उल्लंघन करती पायी गयी तो आगे भी टोल बंद करेंगे।

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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