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क्या ग्वार में आने वाली है तेजी? क्या रहेंगे ग्वार के भाव? देखें तेजी-मंदी रिपोर्ट

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नई दिल्ली 14 सितम्बर : विदेशों में ग्वार गम (Guar Gum) के भाव बढ़ने से निर्यातकों की चौतरफा लिवाली निकलने लगी है। पिछले सीजन के उत्पादन में कमी होने से मंडियों में ग्वार का स्टॉक ज्यादा नहीं है। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए 5400 रुपए ग्वार अगले दो माह में बिक सकता है।

ग्वार का पुराना स्टॉक इस बार उत्पादक व वितरक मंडियों में लगभग समाप्त हो गया है। लेकिन पिछले 2 महीने से मांग कमजोर होने से बाजार दबा हुआ था। यही कारण है कि रुक-रुक कर काफी भाव नीचे आ गए है तथा गम मिलें खाली चल रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गम के भाव सुधर गए हैं। गम मिलों के पास निर्यात के सौदे पेंडिंग में पड़े हुए हैं।

जोधपुर, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, अहमदाबाद के साथ-साथ सिवानी, भिवानी, दादरी लाइन में भी ग्वार की आपूर्ति फिर से टूट चुकी है। अब स्टाक के पड़े माल ही बिक रहे हैं। यही कारण है कि पिछले एक पखवाड़े में 100 रुपए की बढ़त पर 4850/4875 रुपए प्रति क्विंटल भाव हो गए हैं।

जोधपुर में गम का स्टॉक गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 30 प्रतिशत कम है, जो आगे तेजी का कारण बनेगा। नई फसल आने में समय बाकी है, डिब्बे में बिके हुए माल की डिलीवरी देना भी बाकी है। इन परिस्थितियों में ग्वार 5300 रुपए प्रति क्विंटल बन जाना कोई बड़ी बात नहीं है तथा गम भी 10 हजार रुपए को पार कर सकता है। इसे भी पढ़े : राजस्थान-हरियाणा की हाजिर मंडियों में ग्वार का भाव क्या चल रहा है ? यहाँ देखें

हम मानते हैं कि राजस्थान गुजरात से बिजाई अधिक होने की खबरें आ रही है, जो निराधार प्रतीत हो रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि राजस्थान एवं हरियाणा में बाजरे के ऊंचे भाव होने से किसानों ने सबसे अधिक बाजरे की बिजाई की है। दूसरी ओर कारोबारी ग्वार की खेती से पीछे हटने लगे हैं। जिला हनुमानगढ़ लाइन में जरूर ग्वार की बिजाई कुछ अधिक बता रहे हैं, लेकिन चारों तरफ सकल उत्पादकता में कमी के आसार हैं।

सटोरियों के माल मंदा करके सेटलमेंट हो जाने के बाद फिर पाइप लाइन में माल नहीं रहेगा, जो आगे चलकर सीजन पर ही तेजी का कारण बनेगा तथा ग्वार एवं गम के वर्तमान वाले भाव किसी भी मंडी में दिखाई नहीं देंगे।

इसे भी देखें : बारिश नहीं होने से ग्वार, मूंग, मोठ, बाजरा की फसल को भारी नुकसान, अभी नहीं हुआ नुकसान का सर्वे, किसान चिंतित

नोट: कृपया कारोबार अपने स्वयं के विवेक से करें, ये मौजूदा परिस्थतियों के आधार पर बनाई गई रिपोर्ट है. किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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