सरसों की गिरावट जारी रहेगी या अब आएगी तेजी? देखें सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 15 अप्रैल

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सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 15 अप्रैल: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार जयपुर सरसों नयी 5500 रुपये पर खुला था जो शनिवार शाम 5425 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग न रहने से -75 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ।

सरसो स्टॉक रिपोर्ट:
मार्च महीने में 15.5 लाख टन सरसो की आवक दर्ज की गयी।
वहीं मार्च महीने में कुल 13 लाख टन सरसो की क्रशिंग की गयी जो पिछले वर्ष से 2 लाख टन अधिक है।
कुल मिलकर 1 अप्रैल को 115 लाख टन सरसो शेष बचा है।

सरसो की गिरावट जारी रहगी या अब आएगी तेजी?
खाद्य तेलों में नरमी और बिकवाली बढ़ने से सरसो में बीते सप्ताह आयी गिरावट। मंडियों में सरसो की दैनिक आवक 7.25 लाख से 9.25 लाख बोरी के बीच जारी। सरकार की खरीदारी शुरू होने से सरसो की गिरावट सिमित है लेकिन तेल की डिमांड से सपोर्ट नहीं मिलने के कारण फिलहाल तेजी नहीं।

हरियाणा सरकार ने 3.25 लाख टन सरसो खरीदारी पूरी की। भारत सरकार ने इस बार 30 लाख टन के करीब सरसो खरीदारी का लक्ष्य रखा है। मंडियों में सरसो के भाव काफी घटने की वजह से किसान सरकार को अपनी फसल बेचने के पक्ष में हैं। वहीं बड़ी मिलें भी अपनी जरुरत पूरी करने के लिए भाव बढाकर खरीदारी करने में लगे हैं।

सरसो तेल का सपोर्ट ना मिलने से सरसो की क्रशिंग में मीलों को फिलहाल 2-3 रुपये/किलो का नुकसान हो रहा है। ऐसे में सरसो के भाव बढ़ते हैं तो मीलों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। पिछले डेढ़ महीने से सिमित घट बढ़ के बाद सरसो के भाव लगभग फिर उन्हीं स्तरों पर आ गए हैं जहाँ से शुरुआत हुआ था।

सरसो के भाव फिलहाल सीज़न के निचले स्तरों पर हैं इसलिए एक उछाल देखने को मिल सकता है। हालाँकि यह उछाल अस्थायी रहेगी क्यूंकि तेलों का अभी सपोर्ट नहीं मिलेगा। मीलों की मांग, सरकारी खरीदारी और तेलों की नरमी से सरसो के भाव फिलहाल 100-150 रुपये की रेंज में ट्रेड करते नजर आएँगे। अप्रैल अंत से मई के बीच 3-4 चरणों में सरसो में खरीदारी की शुरुआत करनी सही रहेगी।

डिस्क्लेमर – व्यापार खुद के विवेक से करें। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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