Why farmers are protesting against 3 new farm laws in hindi: केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन कर इन बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे है , 26 नवंबर से शुरू हुए इस किसान आंदोलन में किसानों को क्या डर है और सरकार अपने बचाव पक्ष में क्या कह रही है ? आइये जाने इस बारे आसान भाषा में..
इसे भी जाने : IFFCO ने NP खाद की कीमत में की 50 रूपये की कटौती, ये है नये रेट
Why farmers are against the bill? Know In Hindi
- पहला कानून : कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
किसानों का पक्ष | सरकार का पक्ष |
इस नये कानून से MSP सिस्टम पूरी तरह ख़त्म हो जाएगा और यदि किसान अपनी फसलों को मंडियों के बाहर बेचेंगे तो कृषि उपज मंडियां ख़त्म हो जायेगी | सरकार का कहना है की MSP पहले की तरह से ही जारी रहेगी और इस कानून से मंडियों पर कोई आंच नही आएगी . इसके अलावा सरकार का कहना है की इस नये कानून से किसानों को अपनी फसलों को मंडी के अलावा दूसरी जगह पर भी बेच सकेंगें इससे किसानों को फसलों का अच्छा दाम मिल सकेगा . |
2. दूसरा कानून : कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार एक्ट, 2020
किसानों का पक्ष | सरकार का पक्ष |
किसानों का कहना है की इस कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसान कमजोर हो जायेंगे और वो कीमत तय नही कर पायेंगे और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसी कारणवश विवाद उत्त्पन्न होने पर बड़ी कम्पनियां अपने पैसे और पॉवर के दम पर इसका फायदा उठा लेगी . | किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करना चाहता है या नही इसके लिए किसान पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहेगा .किसान अपनी इन्छा से दाम तय कर फसल बेच सकेगा और किसान को विवाद की स्थिति में कोर्ट जाने की जरूरत नही पड़ेगी .स्थानीय स्तर पर ही विवाद के निपटाने की व्यवस्था रहेगी . किसान सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के पास जा सकता है . |
3. तीसरा कानून : आवश्यक वस्तु (संशोधन) एक्ट 2020
किसानों का पक्ष | सरकार का पक्ष |
बड़ी-बड़ी कम्पनियां आवश्यक वस्तुओं का स्टोरेज कर लेगी इससे बाजार में कालाबाजारी बढ़ सकती है . | सरकार का कहना है की इससे किसानों की फसलों के खराब होने की आंशका ख़त्म हो जायेगी , किसान आलू -प्याज जैसी फसलों को बेफिक्र होकर उगा सकेंगे और इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार ख़त्म होगा . |