सोयाबीन साप्ताहिक रिपोर्ट 23 सितंबर 2024: सोयाबीन (soybean) की नई फसल तैयार हो चुकी है ऐसे में किसान सोयाबीन के भाव कमजोर होने के कारण चिंता में है। ऐसे में लंबे समय से किसान लगातार काफ़ी दिनों से सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे है। इसके लिए किसानों से जुड़े संगठन, राजनीति पार्टी और किसान आवाज बुलंद कर रहे हैं।
सोयाबीन के भाव में बीते हफ्ते मामूली गिरावट रही। पिछले सप्ताह सोमवार को महाराष्ट्र सोलापुर का भाव 4930 रुपये पर खुला जो की शनिवार शाम को 4910 रुपये पर बंद हुआ। इस प्रकार पूरे सप्ताह मामूली उठापटक के बाद सोयाबीन में मांग कमजोर रहने से प्रति क्विंटल 20 रूपये की गिरावट रही । सोयामील से समर्थन ना मिलने के कारण सोयाबीन की तेजी पर लगाम लगा है ।
सोयामील के निर्यात को प्रोत्साहन का आग्रह
भारत सरकार द्वारा खाद्य तेलों के इम्पोर्ट में ड्यूटी में बढ़ोतरी से फ़िलहाल सोयाबीन की कीमतों पर कोई खास असर नहीं दिख रहा । सोयाबीन की नयी फसल तैयार है ऐसे में किसान भाव को लेकर काफी चिंतित नज़र आ रहे है। कई संगठनों ने सरकार से सोयामील के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए इंसेंटिव प्रोग्राम शुरु करने का निवेदन किया है।
अमेरिका में इस वर्ष रिकॉर्ड सोयबीन उत्पादन का अनुमान है वहीं ब्राजील और अर्जेंटीना भी बुवाई बढ़ा सकते हैं। ऐसे में भारतीय सोयमील को इन देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी जिससे निर्यात प्रदर्शन कमजोर रह सकता है। अगस्त महीने में भारत का सोयमील निर्यात जुलाई की तुलना में 20% गिरकर 1.56 लाख टन रह गया।
भारत में सोयाबीन का उत्पादन भी इस वर्ष बढ़ने का अनुमान है लेकिन हाल में हुई बारिश से कुछ नुकसान की भी रिपोर्ट मिल रहीं है। हर वर्ष औसतन 3-5% फसल मौसम के चलते खराब हो ही जाता जिसको देखते हुए उत्पादन में पिछले वर्ष के बराबर रहने की सम्भावना।
सोयाबीन का भाव बढ़ेगा या घटेगा 2024
सोया तेल में तेजी और मीलों की मांग निकलने से अब तक निचले स्तरों से सोयाबीन में 400 रुपये/क्विंटल की तेजी आ चुकी है। ड्यूटी बढ़ने के बाद तेलों में सेंटीमेंट मजबूत बने रहने से सोयाबीन में बड़ी गिरावट की सम्भावना बेहद कम। वहीं आगे की तेजी के लिए सोया तेल के साथ अब सोयमील का भी समर्थन जरुरी।
मौजूदा स्तरों से सोयमील में भी बड़ी गिरावट की उम्मीद कम। तेलों की मजबूती और सोयमील में मंदी का कम जोखिम को देखते हुए सोयाबीन में आगे मजबूती बनी रहेगी। महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट 5000 के अपने रेजिस्टेंस पर अटक रहा है जिसके ऊपर निकलने पर ही आगे की तेजी देखने को मिलेगी।
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