आखिरकार सोयाबीन के भाव में तेजी कब आएगी? देखें साप्ताहिक तेजी-मंदी की ताजा रिपोर्ट

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सोयाबीन साप्ताहिक रिपोर्ट 16 सितंबर 2024: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार महाराष्ट्र सोलापुर 4700 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 4960 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सोयाबीन में मांग बनी रहने से +260 रूपये प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ, तेलों में तेजी और सीड की सिमित सप्लाई से सोयाबीन में तेजी जारी।

सोयाबीन तेजी मंदी की रिपोर्ट (soybean weekly up bearish report)

  • महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना के बाद अब एमपी सरकार ने भी एमएसपी पर खरीदारी की घोषणा की।
  • सरकारी की खरीदारी की मात्रा अभी तय नहीं लेकिन अक्टूबर से दिसंबर के बीच खरीदारी की रिपोर्ट मिल रही है।
  • सरकारी खरीदारी बड़ी मात्र में हुई तो खुले मंडी में सप्लाई कम होगी जिससे प्लांटाँ को सप्लाई पिछले वर्ष से कम हो सकती है।
  • औसत से अधिक बारिश के चलते पहले ही उत्पादक राज्यों में सोयाबीन को काफी नुकसान हो रहा है।
  • अगले 5-7 दिन राजस्थान, एमपी में फसल का सर्वे करेगा जिसमे फसल की जमीनी स्थिति का ब्यौरा दिया जाएगा।
  • कटाई में देरी, शुरुआती क्वालिटी हलकी होने से पुराने माल की डिमांड मजबूत है।
  • जिसके चलते सोयाबीन में पहले ही 400-500 रुपये/क्विंटल की तेजी आ चुकी है।
  • किसान/स्टॉकिस्ट और प्रोसेसर्स के पास 18.41 लाख टन उपलब्ध हबकि पिछले वर्ष इसी समय 31.29 लाख टन था।
  • अगस्त के अंत में कुल स्टॉक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 41% कम है।
  • हल्की मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है लेकिन इसमें बड़ी मंदी का जोखिम फ़िलहाल नहीं।
  • अब तक सोयाबीन को तेलों का, MSP पर खरीदारी की खबरों का सपोर्ट मिला जबकि खल से कोई खास समर्थन नहीं मिला।
  • एशियाई देशों से आगे भारत की सोयमील की डिमांड निकलने से सोयमील में भी अगले 2-3 महीने में एक अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।
  • सोयमील में मजबूती का सपोर्ट मिलने पर सोयाबीन में आगे 5000 के ऊपर निकलने की सम्भावना नजर आ रही है।
  • महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट के भाव अपने रेजिस्टेंस 5000 के करीब पहुंच गया है।
  • बारिश से फसल को 5-10% नुकसान हुआ और सरकार ने बड़ी मात्रा में खरीदारी की सायाबीन के भाव 5000 के ऊपर बड़ी तेजी दिखा सकता है।

डिस्क्लेमर – व्यापार खुद के विवेक से करें। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।