गेहूं की बुवाई: 15 नवंबर तक उचित समय, किसान अच्छी पैदावार के लिए अपनाये ये उपाय

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Wheat Cultivation: कृषि हमारे देश की आर्थिक संरचना का अहम हिस्सा है, और इसमें गेहूं एक महत्वपूर्ण फसल है। अच्छी गेहूं की पैदावार के लिए बीज का चुनाव और उसका सही तरीके से उपचार करना बहुत जरूरी होता है। बीज का चयन, उसकी गुणवत्ता और उपचार से पैदावार में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है। उत्तम गुणवत्ता वाला बीज सामान्य बीज की तुलना में लगभग 15 से 20% अधिक उत्पादन देता है, जिससे किसान का समय और पैसा दोनों की बचत होती है।

गेहूं की बुवाई बीज का उपचार क्यों है आवश्यक?
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, बीज जनित और मिट्टी जनित रोगों से बचाव के लिए बीजों को फफूंदनाशक, कीटनाशक और जैविक खाद से उपचारित किया जाना चाहिए। यह उपचार बीजों की सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है और गेहूं की फसल को रोगों से बचाता है। बीज उपचार के लिए कुछ प्रमुख दवाओं का उपयोग किया जा सकता है:-

  • वीटावैक्स (2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज)
  • कार्बेन्डाजिम (2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज)
  • थीरम (2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज)
  • मैन्कोजैब (2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज)

बीज की मात्रा और बिजाई का समय
गेहूं की बिजाई की सही विधि और सही समय पैदावार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आमतौर पर गेहूं की बिजाई के लिए 40 किलो बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होता है। छिड़काव विधि में बीज की मात्रा 50 किलो प्रति एकड़ होती है, जबकि पछेती बिजाई के लिए 60 किलो बीज प्रति एकड़ उपयोगी होता है।

गेहूं की बिजाई का सबसे अच्छा समय 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होता है, और इस दौरान औसत तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास होना चाहिए।

बिजाई की विधि
बीज को हमेशा हैप्पी सीडर या सीड ड्रिल द्वारा बोना चाहिए, क्योंकि ये विधियां खेत में बीज की उचित गहराई और दूरी सुनिश्चित करती हैं।

  • लंबी बढ़वार वाली किस्मों को 6 से 7 सेमी गहरी बिजाई करें।
  • अन्य किस्मों को 5 से 6 सेमी गहरी बिजाई करें।
  • समय पर बिजाई के लिए, दो खूड़ों के बीच 20 सेमी का फासला रखें।
  • पछेती बिजाई के लिए, दो खूड़ों के बीच 18 सेमी का फासला रखें।

समय पर बिजाई के लिए उपयुक्त किस्में
गेहूं की खेती के लिए किस्मों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है, और अलग-अलग समय के हिसाब से किस्मों का चुनाव किया जाता है।

सही समय पर बिजाई के लिए उपयुक्त किस्में:

  • डब्ल्यू एच-1105
  • एचडी-2967
  • एचडी-3086
  • एचडी-3326
  • डोबी डब्ल्यू-187 (करण वंदना)
  • डीबी डब्ल्यू-222 (करण नरेंद्र)
  • डब्ल्यू एच-1184
  • पीबी डब्ल्यू-826

अगेती बिजाई के लिए उपयुक्त किस्में:

  • डीबी-303 (करण वैष्णवी)
  • डब्ल्यू एच-1270
  • डब्ल्यू एच-1080
  • डब्ल्यूएच-11422

पछेती बिजाई के लिए उपयुक्त किस्में:

  • एचडी-3059 (पूषा पछेती)
  • एचडी-3117
  • एचडी-3167
  • एचडी-3018
  • राज-3765
  • राज-3077
  • एचडी-2864
  • डब्ल्यू एच-1124
  • डब्ल्यू एच-1021
  • डीबी डब्ल्यू-173

लवणीय और क्षारीय मिट्टी के लिए विशेष किस्में
लवणीय और क्षारीय मिट्टी पर गेहूं की खेती के लिए कुछ खास किस्में मौजूद हैं, जो इस प्रकार की मिट्टी में भी बेहतर पैदावार देती हैं।

  • केआरएल-213
  • केआरएल-210
  • डीबी डब्ल्यू-187 (करण वंदना)
  • डीबी डल्ब्यू-222 (करण नरेंद्र)
  • डीबी डब्ल्यू-333

ये किस्में गेहूं और जौ अनुसंधान करनाल द्वारा विकसित की गई हैं और इनसे किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त हो सकती है।

निष्कर्ष
समय पर और सही विधि से गेहूं की बिजाई करने से न केवल पैदावार में वृद्धि होती है, बल्कि यह किसानों के लिए बेहतर लाभ का कारण बनती है। उचित बीज का चुनाव और उसका सही उपचार से किसान गेहूं की अच्छी पैदावार ले सकता है।

नोट:- किसान साथियों, इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक मीडिया स्रोतों से ली गई है। आपसे अनुरोध है कि खेती बाड़ी से संबंधित किसी भी जानकारी को उपयोग में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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