गेहूं बाजार भाव तेजी-मंदी की समीक्षा:
गत सप्ताह एमपी राजस्थान की मंडियों से नए गेहूं की आवक 45-50 ट्रक के करीब हुई, जिससे 2450 से घटकर 2300 रुपए प्रति क्विंटल भाव रह गया था, सप्ताह के अंत में मौसम खराब होने से भाव 30/45 रुपए मजबूत जरूर बोले गए लेकिन गेहूं की कटाई को देखते हुए एक बार फिर मंदे के आसार बन गए हैं। इससे रोलर फ्लोर मिलें, आटा चक्कियों का ऊंचे भाव में खरीद करने से मनोबल टूट गया है। अब जरूरत के अनुसार ही माल खरीद रही है। वर्तमान में ऊपर के भाव से गेहूं में काफी गिरावट आ गई है, लेकिन आटा बनाने वाली मिलें अपने उत्पाद नहीं घटा रही हैं।
मक्की बाजार भाव तेजी-मंदी की समीक्षा:
खरीफ सीजन की मक्की में एमपी,महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में लगातार बिकवाली का प्रेशर घट गया है, जिससे बाजार मजबूती लिए बंद हुआ। उधर बिहार की मंडियों में भी पुरानी मक्की 2370/2400 रुपए प्रति क्विंटल एक्स गोडाउन में माल का बोलने लगे हैं, जिसके चलते एमपी छत्तीसगढ़ की मक्की की बिक्री पूरी तरह निकलने लगी है। एक बार फिर से हरियाणा पंजाब की मांग निकलने लगी है। यही कारण है कि बिहार की नई मक्की से पहले बाजार एक बार तेज जरूर होगा। तथा इस तेजी में स्टॉक खाली करें।
बाजरा बाजार भाव तेजी-मंदी की समीक्षा:
बाजरे में चारों तरफ स्टाकिस्टों की पूछताछ का माहौल बना हुआ है, क्योंकि डिस्टिलरी प्लांटों के साथ-साथ मौली बरवाला वाले भी माल खरीद रहे हैं। दूसरी ओर मक्की दोनों के भाव तेज हो गए हैं, जिससे बाजरे की पूछ परख बढ़ गई है। उधर चावल किनकी के भी बाजार में पड़ते महंगे हो गए हैं। यही कारण है कि इतने ऊंचे भाव में किसान भी अपना माल एटा मैनपुरी लाइन में बिकवाली रोक दिया हैं, इसलिए कुछ दिन माल कटने के बाद फिर बाजार 20-25 रुपए उछल गये हैं।
चावल बाजार भाव तेजी-मंदी की समीक्षा:
हालांकि बारीक धान की आवक नरेला सहित यूपी, हरियाणा, पंजाब की राइस मिलों में प्रचुर मात्रा में हो रही है, लेकिन भाव ऊंचे होने से चावल सेला एवं स्टीम के पड़ते नहीं लग रहे हैं, लेकिन मिलों में ग्राहकी की कमी से पिछले 2 दिनों में 100/200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई हुई है तथा आज बाजार में विराम लग गया है। अतः अभी घटने की गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही है, लेकिन आगे लंबी तेजी सोच कर व्यापार करना भी रिस्की रहेगा।
डिस्क्लेमर:
गेहूं, मक्की, बाजरा, चावल तेजी मंदी रिपोर्ट 4 अप्रैल 2023: कृपया व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें। हमारा उद्देश किसानों तक केवल जानकारी पहुँचाना है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।