सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 27 नवंबर 2 दिसम्बर: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार जयपुर सरसों 5900 रुपये पर खुला था। ओर शनिवार शाम 5900 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग सिमित रहने से मिलाजुला रूख रहा, सप्ताह के शुरुआत में हलकी बढ़त के बाद सरसो के भाव पड़े नरम। सरसो तेल में बड़ी तेजी मंदी नहीं दिखी और भाव पुरे सप्ताह लगभग स्थिर ही रहे।
सोया पाम तेल में नरमी के चलते सरसो तेल की डिमांड ऊपर में अटक रही है। अन्य तेलों के साथ अंतर बढ़ने की वजह से सरसो तेल की डिमांड ऊपरी स्तरों पर कमजोर, वहीं सरसो खल भी निचले स्तरों से रिकवर हुआ लेकिन अंत में पिछले सप्ताह के स्तर पर ही आकर बंद हुआ।
एक्सपोर्ट डिमांड ठंडा पड़ने से सरसो खल का एक्सपोर्ट अक्टूबर में 1.69 लाख टन रह गया। नाफेड की सरसो बोली ऊँचे भाव में लग रही है जिससे सरसो को मिल रहा है सहारा। नाफेड ने अब तक लगभग 1.12 लाख टन सरसो की बिकवाली की है और 10 लाख टन के करीब स्टॉक अब भी उपलब्ध।
उत्तर प्रदेश राजस्थान और गुजरात में सरसो की बुवाई पिछले वर्ष से पीछे चल रहा है हालाँकि कुल बुवाई अब तक पिछले वर्ष के सामान ही है।
राजस्थान उत्तर प्रदेश में पिछले सप्ताह कई जिलों में बारिश से रबी फसलों को मिलेगा लाभ ऊँचे भाव के चलते जीरा, सौंफ को रकबा बढ़ सकता है।
सरसो का पर्याप्त स्टॉक खाद्य तेलों के भाव में नरमी और बुवाई की प्रगति को देख सरसो में बड़ी तेजी मंदी की उम्मीद नहीं जयपुर सरसो 6050 के करीब है इसलिए स्टॉक अब भी खाली कर सकते है और रूटीन ट्रेडिंग पर ध्यान देना चाहिए।
सोयाबीन साप्ताहिक रिपोर्ट (27 नवंबर 2 दिसम्बर) :
बीते सप्ताह सुरुवात सोमवार महाराष्ट्र सोलापुर 5280 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 5180 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान सोयाबीन में मांग न रहने से -100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
तेल और खल में नरमी से सोयाबीन के भाव इस सप्ताह 150-200 रुपये/क्विंटल टूटे। पिछले दो सप्ताह से एक तरफा मंदी के चलते सोयाबीन के भाव ऊपरी स्तरों 300-450 रुपये तक फिसल गए हैं।
खल की कीमतों में भी 1000-1500 रुपये/टन की गिरावट दर्ज की गयी। बीते सप्ताह वहीं तेल में भी 1.5 से 2 रुपये/किलो गिरावट आयी। अंतराष्ट्रीय बाजार में भी खल की कीमतों में इस सप्ताह 5% की गिरावट आयी जिसका असर घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों में दिखा।
ब्राजील में सहायक मौसम और अर्जेंटीना में ऊँचे उत्पादन के अनुमान से सोयमील व्यादा में गिरावट आयी। अर्जेंटीना और ब्राज़ील में जनवरी के सौदे 485-500$/टन के बोले जा रहे हैं। वहीं भारतीय सोयमील के भाव लगभग 548-560$/टन के बीच चल रहे हैं। भारतीय सोयमील के ऊंचे भाव और विदेशी बाजारों में सोयमील के भाव में गिरावट से एक्सपोर्ट में पैरिटी नहीं है।
अक्टूबर महीने में भारत का सोयमील निर्यात सितम्बर की तुलना में 17.50% गिरकर 87060 टन रह गया हालांकि पिछले वर्ष अक्टूबर की तुलना में एक्सपोर्ट 116% बढ़ा महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट डीलीवरी भव 5100 के करीब पहुंच गए हैं। जो सपोर्ट नजर आ रहा है।
ब्राजील में अगले दो सप्ताह बारिश का अनुमान है लेकिन कई एजेंसियों ने उत्पादन में कटौती करना शुरू कर दिया है। ब्राज़ील के उत्पादन में कटौती की भरपाई अर्जेंटीना में ऊंचे उत्पादन से हो जाएगा इसलिए अंतराष्ट्रीय बाजार का भी सपोर्ट नहीं मिल रहा है।
हालांकि दिसंबर के मध्य से ब्राजील में गर्मी बढ़ने और आगे और कटौती की उम्मीद से सोयाबीन में एक उछाल की उम्मीद है। दो सप्ताह पहले जो भाव ऊपर में आय थे वो इस सीजन के लिए अब उच्चतम स्तर बन गया है और इसके ऊपर जाने के लिए कोई ठोस वजह नहीं इसलिए आगे कोई भी रिकवरी सोयाबीन में मुनफावसूली का मौका समझाना चाहिए।
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