चना साप्ताहिक रिपोर्ट 27 नवंबर 2 दिसम्बर: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 6400/25 रुपये पर खुला था। और शनिवार शाम चना 6325/50 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग न रहने से -75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ। चना बाजार में लगातार दूसरे सप्ताह रही मंदी। चना दाल और बेसन की मांग उम्मीद से कम रहने से कमजोर एवरेज क्वालिटी चना की उपलब्धता के कारण भी भाव पर दबाव रहा, जबकि चना की कमजोर बोआई के बावजूद बाजार को सपोर्ट नहीं मिल पा रहा ।
दिल्ली चना व्यापार
दिल्ली में राजस्थान से कम और एमपी से अधिक आवक आ रही है। दिल्ली में जो भी चना आ रहा है वह अधिकतर नाफेड टेंडर का माल। एमपी चना की क्वालिटी एवरेज होने से कम भाव में ही लेवाल है।
नाफेड चना टैंडर
नाफेड काफी समय से एक स्थिर भाव के आसपास ही चना टेंडर पास कर रहा है। इस सप्ताह नाफेड ने काफी कम मात्रा में चना पास किया है। नाफेड के पास बेचने योग्य काफी कम स्टॉक शेष (1 लाख टन) है। नाफेड के टेंडर पर ही चना का भविष्य निर्भर है। 15 दिसंबर तक नाफेड टेंडर बिक्री को लेकर चल रही नीति की तस्वीर साफ़ होने की उम्मीद। देश में चना की बोआई अंतिम स्टेज पर और उसकी भी तस्वीर 15 दिसंबर तक साफ़ हो जाएगी । चना में वर्तमान भाव में जोखिम तो नहीं, लेकिन जब तक सही तस्वीर साफ़ नहीं होती सिमित कारोबार रखे।
मटर साप्ताहिक रिपोर्ट 27 नवंबर 2 दिसम्बर
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार कानपुर मटर यूपी-6500/25 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 6700 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान मटर मे मांग बनी रहने से +175 रूपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ।
मटर में पिछले सप्ताह मिला जुला रुख रहा। मटर में मांग मजबूत अभी भी है और बिकवाल जरुरत के अनुसार ही है।किसानों की मटर बोआई बढ़ाने के कारण बीज के लिए भी अच्छी मांग है।
स्टॉकिस्टों ने अच्छी क्वालिटी मटर का काफी स्टॉक बीज के लिए बेचा है। मटर का नया फसल आने में 3-4 माह ऐसे में अगले 1.5-2 माह मजबूती के रहने की उम्मीद।
मटर में मजबूती जारी रहने की संभावना। शादियों का सीजन भी मटर की मांग रहेगी। इस बीच मटर का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना, जिससे मटर की बीज की मांग अच्छी है। कानपूर मटर अब 6300 का मजबूत सपोर्ट, जबकि ऊपर में 7000 का रेजिस्टेंस मटर में अब धीरे धीरे मुनाफावसूली करते रहें।
मसूर साप्ताहिक रिपोर्ट (27 नवंबर- 2 दिसम्बर)
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 6450 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 6425/50 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान कटनी मसूर व मसूर दाल मे मांग सिमित रहने से मिलाजुला रूख रहा। पिछले सप्ताह मामूली बढ़त के बाद कमजोर मांग से भाव में रही गिरावट।
मसूर दाल में ग्राहकी काफी सुस्त होने से मिलर्स की मांग काफी सिमित है। सरकार द्वारा +4 लाख टन मसूर की खरीदी के बावजूद बाजार को सपोर्ट नही। दरअसल ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से लगातार अच्छी मात्रा में आयात होने से भाव पर दबाव इस बीच मध्य प्रदेश में मसूर की बोआई में शानदार बढ़त दर्ज की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में मसूर की बिजाई पिछले वर्ष के आसपास ही है। देश में मसूर की शानदार बोआई, विदेशों में पर्याप्त स्टॉक और सरकार के पास बफर स्टॉक की मौजूदगी के कारण मसूर में 50-100 की रेंज में कारोबार करने की संभावना मसूर में जरुरत अनुसार कारोबार करना बेहतर, हालांकि बड़ी घट-बढ़ की संभावना कम ही है।
उड़द साप्ताहिक रिपोर्ट (27 नवंबर- 2 दिसम्बर):
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू-9400 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 9750 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान उडद मे मांग बनी रहने से +350 रुपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ। उड़द में 4 सप्ताह की कमजोरी के बाद सुधार देखा गया।
चैन्नई उड़द (SQ) लगभग 300 रुपये सप्ताह भर में बढ़ा बर्मा में उड़द के दाम (FOB/CNF) में 30 डॉलर प्रति टन की बढ़त रही। अशोकनगर मंडी में देशी उड़द 500+ रुपये तक मजबूत रहा। ललितपुर मंडी में उड़द के दाम लगभग लगभग स्थिर रहे। देश में देशी उड़द की आवक अब काफी कम देशी उड़द की क्वालिटी एवरेज-मीडियम (FAQ) ग्रेड की है। SQ क्वालिटी उड़द के लिए बर्मा पर पूरी तरह निर्भरता है।
चेन्नई पोर्ट पर उड़द स्टॉक काफी सिमित – सूत्र
चेन्नई पोर्ट पर बर्मा उड़द स्टॉक 500 कंटेनर के आसपास होने का अनुमान बर्मा में औसतन 1000-1200+ कंटेनर हमेशा मौजूद रहता है लेकिन अभी कम जानकारों के अनुसार बर्मा से दिसंबर के लिए उड़द की बुकिंग कम हुई है तो आयात भी कम रहने की उम्मीद। इस बीच तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चक्रवाती तूफ़ान से अगले सप्ताह बारिश की संभावना।
चेन्नई उड़द (SQ) का ट्रेंड मजबूत
दिसंबर का डिलीवरी शो हो रहा 100-200 की कमजोरी से इंकार नहीं जनवरी डिलीवरी के लिए चेन्नई उड़द में मांग काफी मजबूत रहने की उम्मीद। चेन्नई उड़द 9500 का सपोर्ट 10000-10400 का रेजिस्टेंस चेन्नई उड़द में गिरावट पर खरीदी की जा सकती है।
तुवर साप्ताहिक रिपोर्ट (27 नवंबर- 2 दिसम्बर):
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 10700 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 10750 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान अकोला तुवर दाल मे मांग बनी रहने से +50 रूपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ।
सुस्त आवक और ग्राहकी में सुधार से तुवर में लौटी रौनक। नए तुवर की आवक की अभी सुस्त रफ़्तार होने से सप्लाई टाइट। थोड़ी बहुत तुवर की आवक आते ही मांग भी निकलती नजर आ रही। देश में तुवर का पाइपलाइन पूरी तरह से खाली है और लेवाल आवक और सही भाव का इंतज़ार कर रहा है।
अकोला बिल्टी तुवर सप्ताह में 400 रुपये तेज रहा। चेन्नई लेमन तुवर सप्ताह में 300 रुपये रहा मजबूत। सोलापुर में नया तुवर का दाम 300 रुपये तेज रहा। देश में लेमन तुवर का कुल स्टॉक 50 कंटेनर से अधिक नहीं होने का अनुमान।
बर्मा से नया लेमन तुवर फसल 10-15 जनवरी के पहले आने की संभावना कम। कर्नाटका का तुवर की अच्छी आवक दिसंबर 15 के बाद ही संभव महाराष्ट्र में विदर्भ में तुवर की छिटपुट नुकसान, जबकि बुलढाणा बेल्ट में नुकसान अधिक।
गुजरात के भरुच में भारी बारिश से तुवर फसल को नुकसान की रिपोर्ट नया तुवर की आवक बढ़ने पर मांग भी रहेगी। पाइपलाइन भरने में कम से कम 2 माह का समय लगेगा। कर्नाटक की आवक आने पर 4 राज्यों (महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कर्नाटक) की मांग भरपूर रहेगी। स्टॉकिस्ट की मांग 10000 तुवर के नीचे जाने के बाद ही आने की उम्मीद है।
अगले 1-2 सप्ताह तुवर मजबूत रहने की संभावना अधिक स्टॉक के लिए तुवर खरीदी के लिए गिरावट का इंतज़ार करना बेहतर। इस बीच बर्मा में 7, 8 और 9 दिसंबर को तुवर उत्पादक इलाकों में भारी बारिश की आशंका। बर्मा में तुवर कटाई का समय और बारिश से कटाई में देरी और नुक्सान की संभावना हो सकती है।
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