साप्ताहिक सरसों रिपोर्ट 11 नवंबर 2024: पिछले सप्ताह की शुरुआत में जयपुर में सरसों की कीमत सोमवार को 6750 रुपये प्रति क्विंटल पर थी, जो शनिवार शाम को 6850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई। इस दौरान, सरसों की मांग मजबूत बनी रही, जिससे कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि देखी गई। हालांकि, बाजार में मिले-जुले रुझानों के कारण सरसों की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है।
मीलों की बढ़ती मांग और नाफेड का स्टॉक
सरसों मीलों की मांग मजबूत बनी हुई है, जबकि दूसरी ओर, नाफेड भी खुलकर अपने स्टॉक की बिक्री कर रहा है। सरकारी एजेंसियों के पास नवंबर की शुरुआत में लगभग 18 लाख टन सरसों का स्टॉक उपलब्ध है। यह स्टॉक मौजूदा मांग को पूरा करने में सहायक साबित हो रहा है, लेकिन अनुमान है कि नई फसल आने तक कैरी फॉरवर्ड में स्टॉक नाममात्र ही रहेगा।
किसानों के पास कम स्टॉक और क्रशिंग क्षमता
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार किसानों के पास सरसों का कम स्टॉक है, जबकि सरकारी एजेंसियों के पास पर्याप्त मात्रा में स्टॉक है। अनुमान है कि मौजूदा स्टॉक और औसतन 8 लाख टन मासिक क्रशिंग क्षमता के हिसाब से यह स्टॉक नई फसल तक पर्याप्त रहेगा।
सरसों की बुवाई की स्थिति और फसल को नुकसान
सरसों की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में 9% पीछे चल रही है और अब तक निर्धारित क्षेत्र का 63% हिस्सा ही बोया जा चुका है। अक्टूबर में बढ़ी हुई गर्मी के कारण कई क्षेत्रों में सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है, जिससे कुछ किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ी है।
सरसों तेल में तेजी और मांग की स्थिति
अक्टूबर के अंत से लेकर अब तक सरसों तेल में 5 रुपये प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई है। पिछली साप्ताहिक रिपोर्ट में इस तेजी का संकेत दिया था। हालांकि, वर्तमान में पुराने सौदों की डिलीवरी में देरी होने के कारण तेल की मांग सामान्य बनी हुई है। ठंड के मौसम में मांग में सुधार की संभावना है, जिससे सरसों तेल में मामूली घट-बढ़ के साथ आगे और तेजी की उम्मीद है।
आने वाले दिनों में कैसी रहेगी चाल
निकट अवधि में सरसों की कीमतों में उठा-पटक जारी रह सकता है, लेकिन आगामी दिनों में सरसों भाव में मजबूती दिखाई दे रही है।
नोट: यह रिपोर्ट केवल सूचनात्मक है। व्यापार करने से पहले अपनी समझ और विशेषज्ञता से सलाह जरूर लें।