Weather Forecast Update: उत्तर पश्चिम भारत में दिसंबर और जनवरी के महीनों में पश्चिमी विक्षोभों के कारण बारिश होती है। यह बारिश रबी की फसल के लिए काफी फायदेमंद होती है। लेकिन इस वर्ष जरुरत के मुताबित बारिश नहीं हुई है। इसके कारण रबी की फसलों खासकर गेंहू और सरसों में नुकसान हो रहा है।
यह बारिश खासकर हरियाणा , पंजाब और चंडीगढ़ के इलाकों में ही होती है। औसतन अगर बात करें तो 5 से 15 mm तक की बारिश होनी चाहिए। लेकिन अबकी बार तो इसका 10% भी नहीं हुआ है। सिर्फ सूखा पाला गिर रहा है। जिसके कारण गेंहू, मक्का और सब्जियों की फसलों में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है।
पंजाब में न्यूनतम तापमान -1 °C और हरियाणा में भी 0 °C तक पहुँच चूका है।
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मौसम विभाग क्या अनुमान लगा रहा है
मौसम विभाग के अनुसार अब तक बहुत काम बारिश हुई है। इसके चलते हरियाणा और पंजाब के किसान परेशान हैं। आगे की अगर बात करें तो जनवरी के अंत तक भी बारिश होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। अगर ऐसा ही हुआ तो रबी की फसलों में उत्पादन काम ही देखने को मिलेगा। पिछले वर्ष जनवरी महीने के शुरूआती 10 दिनों में ही 80 mm तक बारिश हो गयी थी। जोकि इस बार 1-2 mm तक ही रह गयी है।
हरियाणा और पंजाब भारत के कृषि प्रधान राज्य हैं। यहाँ गेंहू और धान का काफी उत्पादन होता है। हरियाणा के करनाल जिले को तो धान का कटोरा कहा जाता है। इन दो राज्यों में धान की उन्नत किस्मों का उत्पादन होता है। यहाँ से धान और गेंहू का निर्यात भी किया जाता है।
अगर अब भी कुछ बारिश हो जाए तो स्थिति में सुधार हो सकता है। नहीं तो उत्तर पश्चिम भारत में रबी फसल का उत्पादन कम ही देखने को मिलेगा। इस बारिश से राजस्थान के किसान भी उठाते हैं। राजस्थान में किसानों के पास पानी का बारिश के अलावा कोई स्थान नहीं है। यहाँ की खेती पूरी तरह से बारिश है।
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