Weather Update: उत्तर भारत में ठंड का असर लगातार कम होता जा रहा है। सुबह और देर रात को हल्की ठंड महसूस हो रही है, लेकिन दिन का तापमान गर्मी के पिछले रिकॉर्ड तोड़ने की ओर बढ़ रहा है। राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.8 डिग्री अधिक है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, जनवरी 2025 गर्म और शुष्क रहा, और फरवरी में देश के कई क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
जनवरी में तापमान और बारिश का हाल
जनवरी में औसत तापमान 18.98°C
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार, जनवरी 2025 में भारत का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1901 के बाद से इस महीने का तीसरा सबसे अधिक तापमान है। इससे पहले अक्टूबर 2024 भी 1901 के बाद से सबसे गर्म महीना रहा था, जिसमें औसत तापमान सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक था।
जनवरी में औसत बारिश 4.5 मिमी
जनवरी में देशभर में औसतन 4.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम है और फसलों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
फरवरी में मौसम का अनुमान
सामान्य से कम बारिश
IMD के अनुसार, फरवरी में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर, ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश कम होगी।
न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक
फरवरी में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। इससे ठंड का असर और कम होगा और दिन का तापमान बढ़ सकता है।
रबी फसलों पर प्रभाव
बारिश की कमी से चिंता
उत्तर भारत के राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में रबी फसलों (गेहूं, मटर, चना, जौ) की खेती की जाती है। सर्दियों में होने वाली बारिश इन फसलों की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर
पश्चिमी विक्षोभ के कारण होने वाली बारिश फसलों के लिए जरूरी है। इसकी कमी से फसलों की पैदावार प्रभावित हो सकती है।
किसानों के लिए सलाह
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे सिंचाई की उचित व्यवस्था करें और फसलों को पानी की कमी से बचाने के लिए उपाय करें। साथ ही, मौसम अपडेट पर नजर रखें और आवश्यकता पड़ने पर फसल सुरक्षा उपाय अपनाएं।
निष्कर्ष
उत्तर भारत में ठंड का असर कम हो रहा है और तापमान बढ़ रहा है। जनवरी में गर्म और शुष्क मौसम रहा, जबकि फरवरी में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है। यह स्थिति रबी फसलों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। किसानों को मौसम विभाग की सलाह का पालन करना चाहिए और फसलों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।