Gold Silver Price – गुरुवार, 11 दिसंबर 2025 को भारतीय बुलियन मार्केट में चांदी ने इतिहास रच दिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, चांदी का भाव ₹2,793 की जबरदस्त उछाल के साथ [silver price today] ₹1,88,281 प्रति किलो के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, सोना [gold rate today] भी ₹808 चढ़कर ₹1,28,596 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, हालांकि सोना अभी भी 17 अक्टूबर को बने अपने रिकॉर्ड स्तर ₹1,30,874 से कुछ नीचे है। पूरे साल की बात करें, तो चांदी में 117% की चमक ने निवेशकों और व्यापारियों दोनों को चौंका दिया है।
चांदी का धमाका: ₹1,88,281 प्रति किलो
इससे पहले IBJA के अनुसार बुधवार को चांदी ₹1,85,488 पर बंद हुई थी। लेकिन आज यानी गुरुवार के कारोबार में ₹2,793 की बढ़त ने इसे नए शिखर पर पहुंचा दिया। साल 2025 में अब तक चांदी की कीमत में ₹1,00,971 का उछाल आया है, जो 117 फीसदी की कमाई दिखाता है। 999 शुद्धता वाली चांदी का AM भाव ₹186,988 था, जो शाम को बढ़कर ₹188,281 हो गया। यह [price hike] उन लाखों छोटे निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है जिन्होंने साल की शुरुआत में चांदी में पैसा लगाया था।
सोना चमका, लेकिन रिकॉर्ड से दूर
सोने ने भी आज ₹808 की मजबूती दिखाई और ₹1,28,596 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। लेकिन याद रहे, 17 अक्टूबर को इसने ₹1,30,874 का ऑल टाइम हाई बनाया था। मतलब, अभी भी अपने पिक से ₹2,278 की दूरी है। विभिन्न शुद्धता स्तरों पर 999 गोल्ड [Gold 999 price] ₹1,28,596, 916 ₹1,17,794 और 750 ₹96,447 रहा। यह उतार-चढ़ाव [commodity market] में सोने की मजबूती को दिखाता है, लेकिन चांदी जैसी तेजी नहीं।

साल 2025: रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी
31 दिसंबर 2024 को जहां 10 ग्राम सोना ₹76,162 था, वहीं अब ₹1,28,596 हो गया। मतलब, सालभर में ₹52,434 की कमाई। चांदी की बात करें, तो ₹86,017 से बढ़कर ₹1,88,281 प्रति किलो हुई, यानी ₹1,02,264 का प्रॉफिट। यह [Bullion market] के इतिहास में दुर्लभ घटना है। ज्वेलर्स का मानना है कि यह ट्रेंड अभी जारी रह सकता है, खासकर जब मांग और सप्लाई की स्थिति पहले जैसी रहे।
चांदी में तेजी के 3 बड़े कारण
1. मैन्युफैक्चरिंग की बढ़ती जरूरत
सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी [Singapore Management University] के कोस्मास मरिनाकिस [Kosmas Marinakis] का कहना है, “चांदी अब सिर्फ निवेश का साधन नहीं, बल्कि एक जरूरी भौतिक संसाधन बन गई है।” [manufacturing demand] बढ़ने से कीमतों में तेजी आ रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियों की बढ़ती डिमांड इसकी मुख्य वजह है।
2. ट्रंप के टैरिफ का डर
दूसरी और बड़ी वजह है अमेरिका [Donald Trump tariff] की ट्रेड पॉलिसी। सूत्रों के मुताबिक, चांदी पर टैरिफ लगने के डर से अमेरिकी कंपनियां भारी स्टॉक जमा कर रही हैं। इससे दुनिया के बाकी हिस्सों में सप्लाई कम हो गई है और कीमतें आसमान छू रही हैं। यह geopolitical tension की सीधी मार है।
3. ग्लोबल सप्लाई चेन की होड़
तीसरी वजह यह है कि दुनियाभर के मैन्युफैक्चरर अपनी प्रोडक्शन बाधित न हो, इसलिए सप्लाई पक्की करने की होड़ में हैं। कोस्मास मरिनाकिस का मानना है कि आगामी महीनों में चांदी की ऊंची कीमतें बनी रहेंगी। यह [investment tips] के लिए अहम सिग्नल है।
क्या मौजूदा भाव पर सोने चांदी में निवेश करना सही रहेगा?
अगर आप सोने चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह रिकॉर्ड हाई सतर्कता का संकेत है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी की मांग में और तेजी आ सकती है, लेकिन निवेश से पहले जोखिम का आकलन जरूरी है। ज्वेलर्स की सलाह है कि छोटे निवेशक SIP की तरह रणनीति अपनाएं, बड़े निवेशक मार्केट ट्रेंड पर नजर रखें।












