Union Budget 2023 : इस बढ़ती हुई महंगाई ने सबकी कमर तोड़ रखी है। खासकर गरीब लोग और माध्यम वर्ग के लोगों पर महंगाई का सबसे ज्यादा फर्क पड़ता है। जैसा की आप जानते हैं 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी केंद्रीय बजट पेश करेंगी। सभी को उम्मीद है कि आने वाले बजट में महंगाई और बढ़ी हुई कर दरों से कुछ राहत मिलेगी। क्या इस बार पेट्रोल और डीजल आएंगे GST के दायरे में ? आइये जानें …….
GST लागु हुए 4 वर्ष से भी ज्यादा हो गए हैं। लेकिन पेट्रोल और डीजल को अब तक GST के दायरे में जगह नहीं मिली है। इसी के चलते तेल के दाम इसकी मूल कीमत से लगभग दोगुना हैं।
इस वर्ष के बजट में यह उम्मीद की जा रही है कि पेट्रोल और डीजल को भी GST के दायरे में जगह मिल जाएगी। अगर ऐसा होता है तो तेल के दाम काफी हद तक घट जायेंगे।
मौजूदा समय में ऐसे तय होते हैं तेल के दाम
मौजूदा समय में तेल की कीमत 4 से 5 चीजों पर निर्भर करती है। हमारे देश में तेल के दाम प्रति दिन के हिसाब से तय किये जाते हैं। हररोज सुबह 6 बजे तेल की कीमतें जारी की जाती हैं। जिस कीमत पर हम पेट्रोल और डीजल खरीदते हैं वो निम्लिखित तरीके से तय की जाती है :-
- सबसे पहले कच्चे तेल की कीमत देखी जाती है। कच्चे तेल की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तय होती है। कच्चे तेल की कीमत में हर रोज उतार चढ़ाव होता रहता है। परन्तु भारत सरकार देश में तेल की कीमतों को अपने हिसाब से निर्धारित रखती है।
- इसके बाद कच्चे तेल को तेल कंपनियां शुद्धिकरण करके पेट्रोल और डीजल में बदलती हैं। कच्चे तेल की कीमत में शुद्धिकरण का खर्च जुड़ जाता है।
- इस कीमत में तेल कंपनियों का कमीशन भी जोड़ दिया जाता है।
- इसके बाद केंद्र सरकार इस पर टैक्स लगती है। और अलग राज्यों में बिक्री के लिए भेज दिया जाता है।
- अंत में सभी राज्य अपना अपना राज्य कर यानि की VAT लगती हैं।
- इन सब खर्चो को जोड़कर जो कीमत आती है उस पर हम लोग पेट्रोल पम्पों से तेल खरीदते हैं।
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इस समय अगर देखा जाए तो तेल की कीमत में केंद्र और राज्य दोनों के कर शामिल हैं। अगर पेट्रोल और डीजल को GST में शामिल कर लिया जाता है तो सिर्फ एक ही तरह का टैक्स लगेगा। इससे तेल की कीमत काफी हद तक कम होने के आसार हैं ।