गुजरात सरकार द्वारा राज्य में गाय पर आधारित आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना बनायी है। इस स्कीम का लाभ खेती-बाड़ी में गाय के गोबर और गौमूत्र का इस्तेमाल कर जैविक खेती करने वाले किसानों को दिया जा रहा है । योजना के तहत ऐसे किसानों को सरकार द्वारा 900 रुपए महीने प्रोत्साहन राशि दे रही है।
सूरत जिले के करीब 475 तथा गुजरात के 10 हजार से अधिक किसानों ने गाय आधारित जीरो बजट की प्राकृतिक खेती की शुरुआत कर दी है।
गाय पर आधारित आर्गेनिक खेती किसानों को 900 रुपए मासिक
इस शून्य बजट आधारित खेती को राज्य सरकार प्रोत्साहन स्वरूप किसानों को 900 रुपए मासिक भी दे रही हैं। इसके लिए किसान घरों में ही गाय के गोबर व मूत्र से खाद और नीम व आयुर्वेदिक पौधों को मिलाकर कीटनाशक बना रहे हैं। इस फॉर्मूले से किसान घर-घर जैविक जीवामृत खाद बना रहे हैं । पुरातन काल व धर्मशास्त्रों में गाय आधारित खेती का उल्लेख है।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्रयासों से अब दक्षिण गुजरात सहित राज्य में कई जगह गो आधारित खेती को बढ़ावा मिल रहा है। इसमें रासायनिक खाद व कीटनाशक का प्रयोग निषेध होने से जमीन की उर्वरा शक्ति प्राकृतिक रूप से बढती है ।
आत्मा प्रोजेक्ट के सुरत जिला डायरेक्टर एनके गबानी बताते है की आज की खेती में मंहगे रासायनिक खाद और पानी का ज्यादा उपयोग रहा है , जिससे जमीन का उपजाऊपन कम हो जाता है ।
जहरीले पेस्टिसाइड से कैंसर , डायबीटीज जैसे रोग भी बहुत बढ़ गये है । ऐसे में घर पर ही कीटनाशक बनाने के लिए वनस्पति पौधों नीम , दर्शपान, ब्रह्मास्त्र के पत्ते इत्यादि को उबाल कर अर्क बनाया जाता है।
ऐसे बनती है घर में जीवामृत खाद
इसके लिए आपको एक प्लास्टिक के ड्रम में 10 किलो गिर गाय का गोबर, 10 किलो गोमूत्र, 1 किलो चने का आटा, 1 किलो गुड़, बरगद के पेड़ या उपजाऊ खेत की एक किलो मिट्टी डालकर उसे एक सप्ताह (सात दिन) तक रखे और रोजना उसे उलट-पुल्ट करते रहे। इसे भी पढ़े : DAP तथा SSP खाद में कौन बेहतर है? जाने इस्तेमाल व फायदे
आर्टिकल स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका