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Goat Farming Subsidy- बकरी पालन के लिए सरकार दे रही है 33% तक सब्सिडी, जानिए कैसे उठाएं फायदा

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Goat Farming Subsidy Scheme: अगर आप भी कोई छोटा व्यवसाय शुरू करने या कृषि के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय का जरिया तलाश रहे हैं, तो यह खबर सिर्फ आपके लिए है। बकरी पालन (Goat Farming) एक ऐसा क्षेत्र है जहां न्यूनतम निवेश पर अधिकतम लाभ कमाया जा सकता है, और अब छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष योजना ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है। सरकार की ओर से 33 प्रतिशत तक अनुदान (Subsidy) देने के साथ-साथ बैंक लिंकेज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। जानिए कैसे आप इस योजना का लाभ उठाकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं।

बकरी पालन में सरकार दे रही है सब्सिडी

छत्तीसगढ़ शासन की ओर से चलाई जा रही इस विशेष योजना के तहत किसी भी इच्छुक हितग्राही को 13 मादा बकरी और 2 नर बकरी (बकरे) दिए जाते हैं। इस पूरे सेट की कुल लागत 1 लाख 50 हजार रुपये तय की गई है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार आपकी इस लागत का एक बड़ा हिस्सा अपने खाते से चुकाती है।

पशुपालन विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. देवेंद्र नेताम ने मीडिया को बताया कि यह योजना बैंक लिंकेज माध्यम से संचालित होती है। बैंक के माध्यम से स्वीकृति मिलने के बाद ही सब्सिडी राशि का भुगतान किया जाता है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।

कितना मिलेगा अनुदान और कौन ले सकता है लाभ

इस योजना में सब्सिडी की दर सामाजिक वर्ग के अनुसार अलग-अलग है। अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) के हितग्राहियों को कुल लागत का 33 प्रतिशत अनुदान मिलता है, जो लगभग 49,500 रुपये होता है। वहीं, सामान्य वर्ग के लोगों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जो करीब 37,500 रुपये बनता है।

गौरतलब है कि एक बकरी महज एक साल में बिकने लायक तैयार हो जाती है, और बाजार में उसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपये तक मिलती है। इस हिसाब से सिर्फ 13 मादा बकरियों से ही सालाना 1.5 से 2 लाख रुपये तक की आय संभव है। यानी, सब्सिडी का लाभ उठाकर आपका निवेश चंद महीनों में ही वापस आ सकता है।

आवेदन से लेकर राशि तक का पूरा प्रोसेस

योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी है। सबसे पहले इच्छुक हितग्राही को अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय में जाकर आवेदन देना होता है। इस आवेदन को पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांचने के बाद नजदीकी बैंक में भेजा जाता है।

बैंक द्वारा आपके आवेदन की स्वीकृति मिलने के बाद एक इंडेंचर (एग्रीमेंट) भेजा जाता है। इसके बाद उपलब्ध बजट के अनुसार सरकार द्वारा निर्धारित सब्सिडी राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है। पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही न बरतें और सभी जरूरी दस्तावेज सही तरीके से जमा करें।

बाजार में है बकरी की भारी डिमांड

बकरी पालन की सबसे बड़ी ताकत इसकी बाजार में लगातार बढ़ती मांग है। खासतौर पर बस्तर क्षेत्र में बकरी की मांग बेहद अधिक है। त्यौहारों के दिनों में तो बकरी की आपूर्ति मुश्किल से हो पाती है। यानी, आपको अपने उत्पाद के लिए बाजार ढूंढने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।

वहीं, बकरी पालन अपेक्षाकृत आसान भी है। ये बेहद कम संसाधनों में पल जाती हैं और स्थानीय परिस्थितियों में अनुकूलन क्षमता रखती हैं। एक बार ठीक से प्रबंधन हो जाने पर इसे और बढ़ाया भी जा सकता है।

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नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 6 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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