गेहूं निर्यात पर केंद्र सरकार ने लगाई तत्काल प्रभाव से रोक, गेहूं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते लिया ये फैसला

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नई दिल्ली 14 मई 2022 : भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध (India Wheat Exports Banned) लगा दिया है। सरकार ने शुक्रवार देर रात जारी एक अधिसूचना में इसे दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश के द्वारा स्थानीय कीमतों पर लगाम लगाने की एक कोशिश कर दिया है। सरकार ने कहा है कि पहले जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के लिए गेहूं के शिपमेंट की अनुमति रहेगी।

फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से काला सागर क्षेत्र से निर्यात गिरने के बाद वैश्विक खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत पहुंच रहे थे।

इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 15 अप्रैल को एक ट्वीट में कहा था कि भारतीय किसान दुनिया के पेट भर रहे हैं। मिस्र ने भारत से गेहूं के इम्पोर्ट को मंजूरी दी है। दुनिया में बढ़ती मांग को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में गेहूं का निर्यात 100 लाख (10 मिलियन) टन पार कर जाएगा।

अब देश में हालात बदल गए हैं। एमएसपी से अधिक कीमत में गेहूं की खरीद और पैदावार में कमी के कारण सरकारी खरीद प्रभावित हुई है। सरकार ने अब गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। आपको बता दें कि इन दिनों बाजार में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बिक रहा है।

भारत 69 देशों को गेहूं निर्यात कर रहा

इस रोक से पहले वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया था कि चालू वित्त वर्ष में गेहूं निर्यात 100 से 125 लाख टन को पार कर सकता है। इस बार गेहूं खरीदार देशों में नया नाम मिस्र का जुड़ा है। भारत अभी 69 देशों को गेहूं निर्यात कर रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 69 देशों को 78.5 लाख टन गेहूं निर्यात किया।

India Wheat Exports Banned Notification 2022 PDF

गेहूं निर्यात पर प्रतिबन्ध से कीमतों पर पड़ेगा असर

सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर तुरंत प्रभाव से गेहूं निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाया। निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाना तो निश्चित था परन्तु इतनी जल्दी इसकी किसी ने सोची नही थी। अब इससे बाजारों में गेहूं की घबराहटपूर्ण बिकवाली बढ़ेगी जिससे गेहूं बाजार में गिरावट आएगी। नोटिफिकेशन में कहा गया कि दूसरे देशों को एक सरकार से दूसरी सरकार को फूड सिक्यूरिटी के लिए निर्यात जारी रहेगा। देश से गेहूं निर्यात बढ़ा जिसका असर देश में फूड सिक्यूरिटी पर भी पड़ सकता था। जिसे देख निर्यात को प्रतिबंधित किया गया। जिन शिपमेंट के सौदे 14 मई या इससे पहले हो चुके हैं उनको क्लियर करने के लिए ILC (IRREVOCABLE LATTER OF CREDIT) देना होगा।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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