Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधान सभा चुनाव से पहले किसानों को रिझाने के लिए प्रदेश की मौजूदा अशोक गहलोत सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। राजस्थान में गहलोत सरकार एक बड़े किसान सम्मलेन की तैयारी कर रही थी । जिसकी जानकारी राजस्थान स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने दी थी।
डूडी ने बताया कि बोर्ड ने कृषि व्यवसाय प्रसंस्करण और निर्यात से जुड़े प्रगतिशील, पुरस्कृत और नवाचारी कृषक तकनीकी विशेषज्ञों के साथ संवाद के लिए 28 अगस्त को एक सम्मेलन बुलाया है। यह जयपुर के कृषि प्रबंध संस्थान में आयोजित किया जाएगा। इसमें राज्य के प्रत्येक जिले से प्रगतिशील, नवाचारी और पुरस्कृत श्रेणी के कृषकों को संवाद के लिए आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 500 से अधिक किसानों को कृषि क्षेत्र की नवीनतम विधाओं, नवाचारों और जन कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसानों की आय दुगनी करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा राजस्थान स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डेवलपमेन्ट बोर्ड का जनवरी 2022 में गठन किया था। बोर्ड ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस एवं प्रभावी नीतियां बनाई हैं।
लेटेस्ट अपडेट 27 अगस्त 2023
कांग्रेस नेता और राजस्थान एग्रो बोर्ड के चेयरमैन रामेश्वर डूडी की आज रविवार सुबह अचानक तबीयत खराब हो गई है। जिसके कारण 28 अगस्त को होने वाला राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है।
एग्रो बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अस्पताल पहुंचे। सीएम गहलोत ने डॉक्टरों से डूडी के स्वास्थ्य को लेकर जानकारी ली। साथ ही इलाज को लेकर दिशा निर्देश दिए। डॉक्टरों के अनुसार डूडी के स्वास्थ्य में अब सुधार है।
बता दें कि रामेश्वर डूडी की रविवार सुबह तबीयत बिगड़ी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने ब्रेन हेमरेज को लेकर उनका इलाज करना शुरू किया। डूडी की तबीयत बिगड़ने के बाद कांग्रेस नेताओं का अस्पताल में आने जाने का सिलसिला जारी है।
किसानों का आर्थिक सुधार
इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है एवं कृषक वर्ग कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति – 2019 के तहत राज्य सरकार से सब्सिडी पाकर अपनी फसल को खेत के निकट ही प्रोसेस कर रहे हैं।”
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को राज्य में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए नीति के तहत 2 करोड़ 60 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा नीति के तहत अब तक 1 हजार 110 इकाइयों के लिए 399 करोड़ 40 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।
इन इकाइयों के माध्यम से राज्य में 2,582.61 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है. बोर्ड द्वारा राज्य में उत्पादित कृषि जिन्स जैसे जीरा, धनिया, लहसून, ईसबगोल, अनार, खजूर के निर्यात को बढ़ावा मिल दिया जा रहा है। साथ ही इनको राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है।
प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी
योजना के तहत 5 करोड़ रुपये तक की पूंजीगत लागत से नवीन कृषि प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना के लिए किसान या उनके संगठन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए लागत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।
अन्य पात्र उद्यमियों के लिए लागत का 50% या अधिकतम 1.50 करोड़ रुपये तक का अनुदान है। प्रोत्साहन के तौर पर राज्य सरकार द्वारा विद्युत प्रभार पर 5 साल तक 2 लाख रुपये प्रतिवर्ष देने का प्रावधान किया गया है।
इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
ऋण पर ब्याज अनुदान
प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर किसानों को पूंजीगत अनुदान के अलावा ऋण पर ब्याज अनुदान देकर लाभान्वित किया जा रहा है। जिसमें किसानों को 6 प्रतिशत की दर से अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक का ब्याज अनुदान अनुदान दिया जाता है। वहीं अन्य को 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।