गहलोत सरकार ने गुलाबी सुंडी व बारिश और बारिश से खराब फसल की 10 दिन में गिरदावरी के दिए आदेश

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Sri Ganganagar 28 September: आखिरकार राजस्थान की गहलोत सरकार ने किसानों की सुध लेते हुए इस महीने असमान्य बारिश और गुलाबी सुंडी (pink bollworm) के प्रकोप से लाखों किसानों की ख़राब हुई फसलों की गिरदावरी के आदेश जारी कर दिये है। गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से हनुमानगढ़ और श्री गंगानगर ज़िले के किसान मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।

जानकारी के लिए आपको बता दें की 29 सितम्बर को श्रीगंगानगर में राजस्थान मिशन-2030 के तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उद्यमियों व व्यापारियों से जनसंवाद करेंगे।

किसानों ने दी थी चेतावनी

ऐसे में श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ ज़िले में गुलाबी सुंडी व बारिश और आंधी बारिश से फसलें पूरी तरह तबाह हा़े चुकी हैं तथा किसान खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि सरकार यदि मुआवजे की घोषणा नहीं करती है तो 29 सितंबर को सीएम का हेलीकॉप्टर नहीं उतरने देंगे, फिर चाहे हमारे सर फूटें या पुलिस वालों के। किसानों ने “मुआवजा नहीं तो वोट नहीं” का नारा दे दिया।

सरकार ने दिये 10 दिन में गिरदावरी के दिए आदेश

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि अगले 10 दिन में फसल खराबे की गिरदावरी करा कर जल्द से जल्द रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाए ताकि किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो सके। सरकार गुलाबी सुंडी से प्रभावित किसानों को भी राहत देगी। 

उन्होंने कहा कि सरकार खराबे से प्रभावित किसानों के प्रति संवेदनशील है। गहलोत ने फसल नुकसान, इनपुट सब्सिडी, फसल बीमा और गिरदावरी समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए हैं।

गुलाबी सुण्डी हजारों हेक्टेयर फसल हुई तबाह

इस साल राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में गुलाबी सुंडी से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। मीडिया में जारी आंकड़ों के अनुसार हनुमानगढ़ और गंगानगर इन दोनों जिलों में 2.56 हजार हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वहीं 73 हजार से भी किसानों की फसल खराब हुई है।

पीएम फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कीट रोग के प्रकोप के कारण कपास फसल का उत्पादन प्रभावित होने पर बीमित किसानों को नुकसान का क्लेम दिया जाता है। वर्तमान में खराबे के आकलन के लिए खरीफ 2023 के कपास की फसल कटाई प्रयोग किया जाता है। इन प्रयोगों से मिले औसत उपज आंकड़ों के आधार पर नियमानुसार क्लेम दिया जाएगा। अब सरकार द्वारा किस तरह सर्वे किया जाएगा ओर कितना मुआवज़ा मिलेगा ये तो वक़्त ही बतायेगा।

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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