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सरसों भाव में गिरावट या तेजी ? देखें तेल तिलहन बाजार की ये ताजा रिपोर्ट, आगे क्या करें

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सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट : क्या आपने हाल ही में तेल और तिलहन बाजार की सुस्ती पर गौर किया है? अगर आप किसान हैं या व्यापार से जुड़े हैं, तो ये सवाल आपके मन में जरूर उठ रहा होगा कि आखिर बाजार में क्या चल रहा है और इससे कैसे निपटा जाए। आज हम आपको तेल तिलहन बाजार की ताजा हलचल बताने जा रहे हैं।

बाजार में क्यों छाई है सुस्ती?

खाद्य तेलों का बाजार इन दिनों नीचे की ओर जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोरी और घरेलू मंडियों में सरसों की बढ़ती आवक इसकी बड़ी वजह हैं। मंडी के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरसों पर और दबाव देखने को मिल सकता है। ऐसे में सरसों उत्पादक किसानों और व्यापारियों के लिए ये चिंता का विषय हैं।

पाम तेल: उत्पादन बढ़ा, भाव गिरे

पाम तेल की बात करें तो मलेशिया और इंडोनेशिया में उत्पादन बढ़ने की खबरें हैं। इसकी वजह से कुआलालंपुर कमोडिटी एक्सचेंज (केएलसी) में मई का अनुबंध 93 रिंगित यानी करीब 2% गिरकर 4391 पर पहुंच गया। आगे भी आपूर्ति बढ़ने से कीमतों पर दबाव बना रह सकता है।

भारत में कांडला बंदरगाह पर क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) 5 रुपये सस्ता होकर 1333 रुपये पर बंद हुआ। घरेलू बाजार में भी पाम तेल 5 रुपये प्रति 10 किलो तक कमजोर हुआ। बाज़ार के जानकारों का मानना है कि होली और रमजान जैसे बड़े त्योहारों के चलते फिलहाल इसकी मांग के चलते बहुत ज़्यादा बड़ी गिरावट की आशंका कम है।

सोया तेल पर वैश्विक दबाव

सोया तेल की स्थिति भी कुछ खास नहीं है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) में सोया तेल लगातार कमजोर हो रहा है। सोयाबीन का भाव पिछले 5 साल के निचले स्तर पर जा पहुंचा है। ब्राजील में सोयाबीन की कटाई 50% तक पूरी हो चुकी है, जिससे वैश्विक आपूर्ति बढ़ रही है।

भारत में कैनोला तेल का आयात बढ़ने से भी सोया और पाम तेल पर असर पड़ रहा है। अमेरिका में सोया तेल का स्टॉक बढ़ा है और जैव ईंधन की मांग कम होने से कीमतें दबाव में हैं। हाल ही में अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ लगाए, लेकिन इससे सोया तेल में तेजी की उम्मीद नहीं दिखती।

सरसों तेल: आवक बढ़ी, कीमतें गिरीं

वहीं अगर बात सरसों की तो इस समय मंडियों में सरसों की आवक 8.25 लाख बोरी तक पहुंच गई है। जानकारों का अनुमान है कि ये सप्ताह के अंत तक 12 लाख बोरी तक जा सकती है। इस वजह से सरसों के भाव में 200 रुपये तक की गिरावट देखी गई।

भरतपुर में सरसों का दाम कल 11 रुपये टूटकर 5850 रुपये प्रति क्विंटल जबकी जयपुर में 50 रुपये की गिरावट के साथ भाव 6100 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है । जानकारों के अनुसार आगे चलकर भरतपुर में भाव 5500 तक गिरने की आशंका है। सरसों तेल भी कमजोर हुआ है। जयपुर में कच्ची घानी सरसों तेल 1326 रुपये पर आ गया और ये 1275 तक जा सकता है।

बाजार का मिजाज और सुझाव

फिलहाल खाद्य तेलों में तेजी के आसार नहीं दिख रहे। सरसों और सोया तेल पर दबाव बना हुआ है। होली के बाद मांग में भी सुस्ती आ सकती है। ऐसे में जरूरत के हिसाब से ही खरीदारी करें। बड़े स्टॉक बनाने से बचें, वरना नुकसान हो सकता है। सरसों तेल में 1275-1300 रुपये के स्तर पर खरीदारी का अच्छा मौका मिल सकता है। सोया और पाम तेल में अभी मुनाफा निकाल लें और नया माल लेने की जल्दबाजी न करें।

किसानों के लिए सलाह है कि मौजूदा भाव पर अपनी जरूरत के हिसाब से माल निकाल सकते है । इसके बाद आपको माल निकालने का अगला मौका मई के बाद ही मिलेगा ।

अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों बेचना चाहते हैं, तो अभी से तैयारी पूरी कर लें। सीजन के चरम पर भाव MSP से नीचे जाने की पूरी संभावना है।

डिस्क्लेमर : हमने ये विश्लेषण बाजार के ताजा रुझानों और विशेषज्ञों की राय के आधार पर तैयार किया है। हमारा मकसद है कि आपको सही समय पर सही जानकारी मिले, ताकि आप अपने नुकसान को कम कर सकें और फायदा उठा सकें। किसी भी प्रकार का व्यापार अपने ख़ुद के विवेक से ही करें किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। धन्यवाद

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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