इस राज्य में चावल बाजरा का उत्पादन घटने जबकि गेहूं, गन्ना, मूंगफली, चना, मसूर, सरसों तथा सोयाबीन की पैदावार बढ़ने का अनुमान

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देश के सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 2022-23 सीजन के लिए कृषि उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया गया है। इसके तहत 2021-22 सीजन के अंतिम अनुमान की तुलना में चावल बाजरा का उत्पादन घटने की संभावना व्यक्त की गई है जबकि गेहूं, गन्ना, मूंगफली, चना, मसूर, सरसों तथा सोयाबीन की पैदावार बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।

राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 सीजन (जुलाई-जून) के मुकाबले 2022-23 सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में चावल का उत्पादन 159.68 लाख टन से 2.4 प्रतिशत घटकर 155.79 लाख टन तथा बाजार का उत्पादन 19.50 लाख टन से 5.2 प्रतिशत गिरकर 18.49 लाख टन पर सिमट जाने की संभावना है। इस अवधि के दौरान गेहूं का उत्पादन 364.59 लाख टन से 1.5 प्रतिशत सुधरकर 370.17 लाख टन, चना का उत्पादन 8.18 लाख टन से 3.9 प्रतिशत सुधरकर 8.50 लाख टन, मसूर का उत्पादन 4.67 लाख टन से 37 प्रतिशत उछलकर 6.40 लाख टन तथा कुल खाद्यान्न उत्पादन 594.80 लाख टन से 0.7 प्रतिशत बढ़कर 598.70 लाख टन खाद्यान्न पर पहुंचने की उम्मीद है।

मालूम हो कि कुल उत्पादन में मक्का एवं मटर सहित कई अन्य जिंसों की पैदावार भी शामिल है। इसी तरह तिलहन फसलों का सकल उत्पादन भी समीक्षाधीन अवधि के दौरान 12.38 लाख टन से 26.6 प्रतिशत बढ़कर 15.67 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इसके तहत सरसों का उत्पादन 10.32 लाख टन से उछलकर 13.21 लाख टन, मूंगफली का 1.03 टन से लाख उत्पादन सुधरकर 1.06 लाख टन तथा सोयाबीन का उत्पादन 9 हजार टन से बढ़कर 13 हजार टन पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की गई है।

तिलहन फसलों के संवर्ग में कुछ अन्य तिलहन भी शामिल हैं। नकदी या व्यापारिक फसलों में गन्ना का उत्पादन क्षेत्र 2021-22 सीजन के 1792.05 लाख टन से 24.20 प्रतिशत उछलकर 2022-23 के सीजन में 2225.85 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश गेहूं, गन्ना एवं मटर का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है जबकि इस बार वहां मसूर का उत्पादन भी बेहतर होने की उम्मीद है। आई ग्रेन इंडिया, दिल्ली खरीफ सीजन में मानसून की कम बारिश के कारण धान के क्षेत्रफल में कमी आने से चावल उत्पादन घटने की आशंका पहले से ही व्यक्त की जा रही थी। यद्यपि चालू रबी सीजन में वहां सरसों के बिजाई क्षेत्र में कुछ कमी आई है का मगर फसल की औसत उपज दर ऊंची रहने की संभावना है जिससे इसके उत्पादन में इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। गेहूं के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। शानदार पैदावार के सहारे गन्ना की वहां चीनी का उत्पादन बढ़ने के आसार है।

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